इंदौर शहर ग्रीन सिटी बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। शहर में हर दिन 1250 टन गीला और सूखा कचरा उत्पन्न होता है, लेकिन पिछले तीन साल में इंदौर ने 250 टन सूखा कचरा कम करने में सफलता पाई है। इंदौर नगर निगम ने अपने ग्रीन सिटी बनने के रोडमैप में कचरे के साथ पानी और ऊर्जा के मॉडल पर काम करने की योजना बनाई है।
इंदौर में हर दिन 1250 टन गीला व सूखा कचरा उत्पन्न होता है। पिछले तीन साल में इंदौर ने 250 टन सूखा कचरा कम किया। तीन साल में 19 ग्राम प्रति व्यक्ति प्रतिदिन कचरा कम किया गया। वहीं अगले एक साल में इंदौर नगर निगम 21 से 22 ग्राम प्रति व्यक्ति प्रतिदिन कचरा कम करने का लक्ष्य लेकर चल रहा है। इस तरह इंदौर में अगले एक साल में 250 टन के अलावा 50 टन अतिरिक्त कचरा कम करने की तैयारी है।
तीन साल में 190 टन गीले कचरे को ट्रेंचिंग ग्राउंड जाने से रोका
शहर के घरों व प्रतिष्ठानों से पिछले तीन साल में 190 टन कचरा ट्रेंचिंग ग्राउंड पहुंचने से रोका गया। इसके लिए इंदौर में 56 हजार घरों के लोगों का विशेष सहयोग मिला। इन घरों में होम कंपोस्टिंग यूनिट के माध्यम से घरों में ही गीले कचरे से खाद बनाई जा रही है। वही शहर के उद्यानों में पिट कंपोस्टिंग, आर्गेनिक वेस्ट वाटर व ड्रम कंपोस्ट के माध्यम से हरित कचरे का निपटान गार्डन परिसर में ही किया जा रहा है।
287 संस्थानों ने 30 टन प्रतिदिन कचरा किया कम
शहर में 287 संस्थाएं ऐसी हैं जो प्रतिदिन 30 किलो से ज्यादा कचरा देती हैं। ऐसे संस्थानों में होटल, मैरिज गार्डन, शैक्षणिक संस्थान हैं। इन संस्थानों ने गीले कचरे के खाद बनाने के उपक्रम लगाए और सूखे कचरे की छंटाई की यूनिट लगाई। परिणामस्वरूप प्रतिदिन 30 टन कचरा नगर निगम को मिलना कम हुआ।
इस तरह कचरे का परिवहन हुआ कम
मोबाइल कंपोस्टिंग वैन : चार वाहनों के माध्यम से प्रतिदिन आठ से नौ टन गीला कचरा एकत्र कर उससे खाद बनाई जा रही है।
बायोसीएनजी प्लांट : कबीटखेड़ी व चोइथराम मंडी में बायोसीएनजी प्लांट में 35 टन कचरे से गैस बनाई जा रही है। यह कचरा शहर में खत्म हो रहा है।
बढ़ते कचरे के नियंत्रण के लिए भविष्य की तैयारी
वर्तमान में ट्रेंचिंग ग्राउंड पर 550 टन प्रतिदिन गीले कचरे से खाद बनाने का संयंत्र लगाया गया है। इसकी क्षमता बढ़ाकर 800 टन प्रतिदिन करने की योजना है। इस तरह यह विश्व का सबसे बड़ा बायो सीएनजी प्लांट बन जाएगा।
ग्रीन इंदौर के लिए ये भी हो रहे प्रयास
- इंदौर नगर निगम शहर की वायु गुणवत्ता का स्तर 50 से कम करने के लिए अलग-अलग प्रयास कर रहा है।
- सोलर मित्र योजना के तहत अगले तीन साल में शहर के शत-प्रतिशत घरों में सोलर पैनल से बिजली बनाने के संयंत्र लगाने की योजना। फिलहाल एक माह में एक करोड़ से अधिक विद्युत यूनिट बचाई गई।
- 1 लाख 70 हजार घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगे। अगले तीन साल में छह लाख घरों में लगवाने की योजना।
- हरित क्षेत्र बढ़ा रहे हैं। अभी शहर में छह स्थानों पर सिटी फारेस्ट विकसित किए गए हैं। शहर में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए विशेष पौधे लगाए जाएंगे।
इंदौर को ग्रीन सिटी बनाएंगे
ग्रीन इंदौर बनाने के लिए इंदौर निगम लगातार काम कर रहा है। भविष्य में इंदौर को ग्रीन सिटी बनाएंगे। हमने शहर कचरे को कम करने के लिए प्रयास किए, जिसमें काफी सफलता मिली है। होम कंपोस्टिंग यूनिट, आरआरआर सेंटर बनाकर व सिंगल यूज प्लास्टिक व डिस्पोजेबल पर रोक लगाने से भी यह सफलता हासिल हुई है। इसके अलावा सौर ऊर्जा से बिजली बनाने व रेन वाटर हार्वेस्टिंग जैसे प्रयासों को आगे बढ़ाएंगे। इस तरह इंदौर भविष्य में ग्रीन सिटी के रूप में पहचाना जाएगा। – शिवम वर्मा, निगमायुक्त