आजकल क्रेडिट कार्ड और डिजिटल लोन ने आम आदमी की जिंदगी में खास जगह बना ली है. एक नई स्टडी में पता चला है कि 50,000 रुपये से कम महीने की कमाई वाले 93% नौकरीपेशा लोग अपनी रोज़मर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं. इतना ही नहीं, जो लोग खुद का काम करते हैं, उनमें से भी 85% लोग क्रेडिट कार्ड के बिना अपने खर्च संभालना मुश्किल मानते हैं. Think360.ai ने इस स्टडी में 20,000 से ज्यादा नौकरीपेशा और स्वरोजगार वाले लोगों के पैसे खर्च करने के तरीकों को पूरे एक साल तक ध्यान से देखा, जिसके बाद ये डेटा तैयार किया है.
कम आय, बड़े खर्चे.. क्रेडिट से पार हो रही नैया
पहले क्रेडिट कार्ड अमीरों की चीज़ समझा जाता था, जिसे लोग शौक या स्टेटस के लिए रखते थे. लेकिन अब ये बहुत लोगों की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुका है. इतना कि इसके बिना महीने का खर्चा चलाना मुश्किल हो गया है. चाहे किराने की दुकान से सामान लेना हो, बिजली का बिल चुकाना हो या ऑनलाइन शॉपिंग करनी हो, लोग क्रेडिट कार्ड को झट से स्वाइप कर देते हैं.
एक स्टडी में पता चला है कि कम आय वाले लोग अपनी सैलरी खत्म होने के बाद भी क्रेडिट कार्ड से अपने खर्चे निकाल रहे हैं. फिर अगले महीने अपनी सैलरी से कार्ड का बिल भरते हैं. बिल भरते ही पैसे खत्म, और फिर से क्रेडिट कार्ड का सहारा. कई लोग इस लूप में फंसे हुए हैं और इससे बाहर निकल नहीं पा रहे.
आज की महंगाई आसमान छू रही है. किराने का सामान, बिजली-पानी के बिल, बच्चों की फीस और दूसरी जरूरतें आम आदमी की जेब पर भारी पड़ रही हैं. ऐसे में कम कमाई वाले लोग अपनी सैलरी खत्म होने के बाद क्रेडिट कार्ड और BNPL (अभी खरीदो, बाद में चुकाओ) जैसी डिजिटल क्रेडिट सेवाओं का सहारा ले रहे हैं. स्टडी बताती है कि ये लोग अपनी नकदी की कमी पूरी करने के लिए ये तरीके अपनाते हैं.
Think360.ai के फाउंडर और सीईओ अमित दास कहते हैं, “भारत में क्रेडिट का दौर पूरी तरह बदल गया है. पहले क्रेडिट कार्ड और BNPL जैसी सुविधाएं सिर्फ बड़ी खरीदारी के लिए होती थीं, लेकिन अब ये नौकरीपेशा, गिग वर्कर्स और छोटे कारोबारियों की रोजमर्रा की जरूरत बन गई हैं.”
BNPL का बढ़ता जलवा
क्रेडिट कार्ड के साथ-साथ अब BNPL यानी ‘बाय नाउ, पे लेटर’ की सेवाएं भी लोगों में काफी लोकप्रिय हो रही हैं. एक स्टडी के मुताबिक, 18% स्वरोजगार वाले और 15% नौकरीपेशा लोग इस सेवा का इस्तेमाल कर रहे हैं. BNPL लोगों को छोटी-छोटी खरीदारी के लिए तुरंत क्रेडिट देती है, जिसे बाद में आसान किश्तों में चुकाया जा सकता है. खासकर ऑनलाइन शॉपिंग और छोटे खर्चों के लिए BNPL का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है.
जैसे मान लीजिए कोई व्यक्ति ऑनलाइन 30,000 रुपये का मोबाइल लेना चाहता है, लेकिन उसके पास पूरी रकम अभी नहीं है. तो BNPL की मदद से वो फोन खरीद सकता है और अगले कुछ महीनों में छोटी-छोटी किश्तों में पैसे चुका सकता है. ये सुविधा खासकर उन लोगों के लिए बहुत मददगार साबित हो रही है जिनकी कमाई कम है.
लेकिन साथ ही ये कई लोगों के लिए मुश्किल भी बन रही है. क्योंकि कई बार वे समय पर बिल चुकता नहीं कर पाते और फिर भारी भरकम ब्याज देना पड़ता है. ऐसे में BNPL मदद के साथ-साथ चिंता का कारण भी बन सकता है.
फिनटेक कंपनियां बदल रही हैं तस्वीर
इस स्टडी में फिनटेक कंपनियों की ताकत को भी जोर-शोर से दिखाया गया है. ये कंपनियां डिजिटल लेंडिंग के जरिए देश में एक नई क्रांति ला रही हैं. वित्त वर्ष 2023 में फिनटेक कंपनियों ने 92,000 करोड़ रुपये से ज्यादा पर्सनल लोन दिए, जो नए लोन का 76% हिस्सा है. ये आंकड़े साफ बताते हैं कि फिनटेक कंपनियां छोटे और जल्दी मिलने वाले लोन देकर लोगों की जरूरतों को पूरा करने में बड़ी भूमिका निभा रही हैं.
फिनटेक सिर्फ लोन देने तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि अपने डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए लोन लेने का पूरा प्रोसेस भी आसान बना रही हैं. जहां पहले बैंक से लोन लेने के लिए बहुत सारी कागजी कार्रवाई करनी पड़ती थी, वहीं अब फिनटेक ऐप्स पर कुछ ही मिनटों में लोन मंजूर हो जाता है. इसी वजह से कम कमाई वाले लोग भी अब इन सेवाओं की तरफ तेजी से आकर्षित हो रहे हैं.