विश्व जनसंख्या दिवस हर साल 11 जुलाई को मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य जनसंख्या मुद्दों और समाज पर उनके प्रभाव के बारे में जागरूकता बढ़ाने का है. ऐसा अनुमान है कि आने वाले समय में दुनिया की जनसंख्या काफी तेजी से बढ़ सकती है. रिपोर्ट की मानें तो साल 2050 तक जनसंख्या 9.7 बिलियन तक पहुंच सकती है.
विश्व जनसंख्या दिवस की स्थापना 1989 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की गवर्निंग काउंसिल (UNDP) ने की थी. साल 1987 में इस दिन को मनाए जाने की शुरुआत हुई थी, जब दुनिया की आबादी केसल पांच अरब थी.
भारत की जनसंख्या दुनिया में सबसे ज्यादा है. साल 2025 में भारत की जनसंख्या 1.46 बिलियन से ज्यादा होने का अनुमान है. इसके अलावा दूसरे नंबर पर चीन है. जहां की जनसंख्या 1.41 बिलियन से ज्यादा है.
क्यों मनाया जाता है जनसंख्या दिवस?
इस दिन को जनसंख्या नियंत्रण के उद्देश्य से मनाया जाता है. दुनियाभर में लगातार बढ़ रही जनसंख्या एक गंभीर विषय है. इसके कारण भुखमरी, गरीबी, अशिक्षा और बेरोजगारी जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं. ऐसे में इसे कंट्रोल करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएं. जनसंख्या दिवस पर जागरूकता फैलाने के लिए कई जगहों पर कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
विश्व जनसंख्या दिवस 2025 की थीम
हर साल विश्व जनसंख्या दिवस को एक थीम के साथ मनाया जाता है. विश्व जनसंख्या दिवस 2025 की थीम युवा लोगों को एक निष्पक्ष और आशापूर्णा दुनिया में अपनी मनचाही फैमिली बनाने के लिए सशक्त बनाना है. दुनिया की आबादी भले ही तेजी से बढ़ी हो लेकिन परिवार तेजी से बिखर रहे हैं. ऐसे में इस साल की थीम को सेलिब्रेट करना युवाओं के लिए बेहद जरूरी है.
क्या है विश्व जनसंख्या दिवस का महत्व?
आज हर कोई दौड़ता भागता नजर आता है, ताकि उसके परिवार का भरण पोषण हो सके. बहुत से ऐसे लोग हैं जिनके पास रोजगार नहीं है. लगातार बढ़ती आबादी के कारण लोग बेरोजगारी, भुखमरी, गरीबी और प्रदूषण से होने वाली बीमारियों से लोग जूझ रहे हैं. अगर इन समस्याओं के पीछे की असली वजह को जानें तो सामने आता है कि सबसे बड़ी वजह जनसंख्या ही है. इसी को कंट्रोल करने के उद्देश्य से विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है, जिससे लोगों को जागरूक किया जा सके और उन्हें इस दिन का महत्व समझाया जा सके.