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Thursday, October 17, 2024

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क्या हैं रोबो डॉग्स, जिसके दम पर लगातार आगे बढ़ रही यूक्रेनी सेना; रूस को छका-छका पिला रही पानी


पिछले करीब ढाई साल से चल रहे यूक्रेन-रूस जंग में यूक्रेनी सेना ने रूस के कुर्स्क क्षेत्र में आगे बढ़ते हुए अब सुदजा शहर पर कब्जा कर लिया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने बृहस्पतिवार को खुद इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि यूक्रेनी सैनिकों ने रूसी क्षेत्र में घुसपैठ करते हुए कुर्स्क क्षेत्र में सुदजा शहर पर पूर्ण नियंत्रण कर लिया है। यह शहर, यूक्रेन द्वारा अब तक कब्जा किए गए सबसे बड़े शहरों में से एक है, जहां युद्ध से पहले की जनसंख्या लगभग 5,000 थी।

जेलेंस्की ने कहा कि सुदजा में यूक्रेनी सैन्य कमांडर का दफ्तर स्थापित किया जा रहा है। इससे पहले यूक्रेन ने चार रूसी सैन्य हवाई अड्डों को बुधवार देर रात निशाना बनाते हुए ड्रोन हमले में किए थे। इन गतिविधियों और कब्जे की रणनीति से साफ पता चलता है कि यूक्रेनी राष्ट्रपति और सेना के मंसूबे बढ़े हुए हैं। दो दिन पहले ही यह खबर आई थी कि यूक्रेनी सेना रूस के अंदर 1000 किलोमीटर तक अंदर घुस चुकी है।

जर्मनी के प्रमुख मीडिया आउटलेट बिल्ड की एक रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन के सशस्त्र बलों ने ब्रिटिश फर्म ब्रिट एलायंस द्वारा बनाए गए BAD.2 मॉडल रोबोट डॉग्स का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है और उसके बल पर युद्ध के मैदान में लीड हासिल कर ली है। ताजा सैन्य संग्राम में ब्रिटिश रोबो यूक्रेन के लिए काफी मददगार साबित हो रही है, जिसके बल पर सेना लगातार आगे बढ़ रही है और रूसी सैनिकों को बड़ी चुनौती दे रही है। उन्नत रोबोटिक इकाइयां यूक्रेन की सैन्य रणनीति में एक अहम उपकरण साबित हो रहे हैं, जो रूसी सेनाओं के लिए एक नई चुनौती पेश कर रही हैं।

क्या है ब्रिटिश रोबो डॉग?

BAD.2 रोबोट डॉग्स एक तरह के कॉम्पैक्ट ग्राउंड ड्रोन हैं जो विशेष रूप से टोही कार्यों के लिए डिजायन किए गए हैं। इसमें हाई-डेफिनिशन वीडियो कैमरे लगे हैं। ये रोबो डॉग्स इंसानों को किसी भी तरह के खतरे में डाले बिना युद्ध के मैदान में जाकर जरूरी सूचनाएं जुटा सकता है और मैदान-ए-जंग की निगरानी कर सकता है। ये रोबोट बारुदी सुरंगों का भी पता लगाने में सक्षम हैं। यह 15 किमी/घंटे की रफ्तार से जमीन पर चल सकता है। कुत्ते जैसे आकार वाला यह रोबोट जंगलों, पहाड़ों, खाइयों, इमारतों और अन्य दुर्गम इलाकों में जाकर वहां से सूचनाएं जुटा सकता है और निगरानी कर सकता है। जहां पारंपरिक मानव रहित हवाई वाहनों (UAV) को पहुंचने में कठिनाई हो सकती है, वहां भी पहुंच सकता है।

घनी झाड़ियों और दुर्गम स्थानों से गुजरने की क्षमता की वजह से ये रोबो डॉग्स यूक्रेनी सेना के लिए बाजीगर साबित हो रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि यूक्रेनी सेना फिलहाल 30 से अधिक रोबोट डॉग्स का इस्तेमाल कर रही है। इनमें से प्रत्येक रोबोट की कीमत 3.70 लाख रुपये से लेकर 7.40 लाख रुपये के बीच आती है और सभी की संरचना थोड़ी-थोड़ी अलग रखी गई है। इस रोबो डॉग्स ने यूक्रेनी सैनिकों के जोखिमों को कम किया है। BAD.2 रोबोट एडवांस्ड वर्जन है, जबकि BAD.1 रोबोट इसका ऑरिजिनल वर्जन है।

एंटी-थर्मल इमैजिंग से लैस

रिपोर्ट में कहा गया है कि रूसी सेना से बचने के लिए यूक्रेनी सेना ने इन रोबोटों को जर्मन-निर्मित एंटी-थर्मल इमैजिंग आवरण से सुसज्जित कर रखा है, जिससे उनकी गुप्त रूप से काम करने की क्षमता में और बढ़ोत्तरी हो गई है। बड़ी बात ये है कि ये रोबोट बिना किसी आवाज के चुपचाप बड़े मिशन को भी अंजाम दे सकता है। हालांकि, सैन्य अभियानों में रोबोटिक डॉग्स का इस्तेमाल यूक्रेन पहली बार नहीं कर रहा है। जून 2022 में ही अमेरिकी सेना ने घोषणा की थी कि वह कीव को दो रोबोटिक डॉग्स की आपूर्ति करेगी। माना जा रहा है कि तभी से कीव इसका इस्तेमाल कर रहा है लेकिन अब उसकी तादाद में इजाफा होने से यूक्रेनी सैनिकों की क्षमता बढ़ गई है।

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