कैश कांड को लेकर जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग चलेगा. इसके लिए सभी दलों के सांसदों के हस्ताक्षर लिए गए. छोटे-बड़े सभी दलों के ज्यादातर सांसद इस महाभियोग प्रस्ताव के पक्ष में हैं. करीब 208 सांसदों ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया है. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंपे गए नोटिस पर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद, अनुराग ठाकुर समेत कुल 145 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए हैं. वहीं, राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को सौंपे गए नोटिस पर 63 सांसदों ने हस्ताक्षर किए हैं.
किसी न्यायाधीश को हटाने के प्रस्ताव पर लोकसभा में कम से कम 100 और राज्यसभा में 50 सांसदों के हस्ताक्षर होने चाहिए. महाभियोग प्रस्ताव को स्वीकार करना या नहीं करना स्पीकर के अधिकार में है. प्रस्ताव स्वीकार होने की स्थिति में कमिटी बनाई जाएगी, जो एक से तीन महीने में रिपोर्ट देगी. अगर प्रस्ताव अमल में आया तो शीतकालीन सत्र में ही महाभियोग प्रस्ताव पर सदन की कार्रवाई होगी.