कैंडल लाइट डिनर तो सुना था, कैंडल लाइट परीक्षा पहली बार हुई

कैंडल लाइट डिनर तो सुना था, कैंडल लाइट परीक्षा पहली बार हुई

भारी बारिशऔर आंधी से इंदौर में जिन 75 अभ्यर्थियों की परीक्षा प्रभावित हुई, उनके लिए दोबारा नीट यूजी आयोजित होगी या नहीं, गुरुवार को इसे लेकर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की युगलपीठ के समक्ष बहस पूरी हो गई। सभी पक्षकारों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले हाई कोर्ट की एकलपीठ ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को आदेश दिया था कि जिन अभ्यर्थियों ने तीन जून से पहले याचिका दायर की थी, उनकी दोबारा परीक्षा आयोजित की जाए।

इस फैसले को चुनौती वाली एनटीए की याचिका पर रोक लगाकर युगलपीठ ने इस मामले को सुनवाई के लिए स्वीकार किया था।

गुरुवार को बहस के दौरान अभ्यर्थियों की तरफ से तर्क रखा गया- एनटीए खुद स्वीकार रहा है कि प्रभावित सेंटरों पर मोमबत्ती और इमरजेंसी लाइट उपलब्ध करवाए गए थे।

सवाल यह है कि अगर पर्याप्त रोशनी थी तो फिर मोमबत्ती उपलब्ध क्यों करवानी पड़ी? अब तक कैंडल लाइट डिनर तो सुना था, कैंडल लाइट परीक्षा पहली बार सुन रहे हैं।