कार्यकाल के बीच में इस्तीफा देने वाले तीसरे उपराष्ट्रपति बने धनखड़, इनके पहले किसने किया ऐसा?

कार्यकाल के बीच में इस्तीफा देने वाले तीसरे उपराष्ट्रपति बने धनखड़, इनके पहले किसने किया ऐसा?
जगदीप धनखड़ ने उपराष्ट्रपति पद से दिया इस्तीफा.

जगदीप धनखड़ सोमवार को कार्यकाल के बीच में पद से इस्तीफा देने वाले तीसरे उपराष्ट्रपति बन गए. इससे पहले, वीवी गिरि ने उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था, जिन्होंने तीन मई 1969 को तत्कालीन राष्ट्रपति जाकिर हुसैन के निधन के बाद कार्यवाहक राष्ट्रपति का पद संभाला था.

वीवी गिरि ने दो जुलाई 1969 को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देकर स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में राष्ट्रपति चुनाव लड़ा. वह अपना कार्यकाल पूरा न कर पाने वाले पहले उपराष्ट्रपति थे.

इन्होंने भी उपराष्ट्रपति पद से दिया था इस्तीफा

भैरों सिंह शेखावत ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) उम्मीदवार प्रतिभा पाटिल के खिलाफ राष्ट्रपति चुनाव में हारने के बाद 21 जुलाई 2007 को उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया. शेखावत के इस्तीफे के बाद, उपराष्ट्रपति का पद 21 दिनों तक खाली रहा, जिसके बाद मोहम्मद हामिद अंसारी इस पद के लिए चुने गए.

उपराष्ट्रपति आर वेंकटरमन, शंकर दयाल शर्मा और केआर नारायणन ने भी अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन राष्ट्रपति चुने जाने के बाद. कृष्णकांत एकमात्र उपराष्ट्रपति थे, जिनका पद पर रहते हुए निधन हो गया था. उन्होंने 27 जुलाई 2002 को अंतिम सांस ली थी.

स्वास्थ्य कारणों का दिया हवाला

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजे अपने त्यागपत्र में धनखड़ ने कहा कि वह स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने के लिए तत्काल प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं.धनखड़ ने राष्ट्रपति को लिखे पत्र में कहा कि स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67 (ए) के अनुसार, तत्काल प्रभाव से भारत के उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे रहा हूं.

2022 में उपराष्ट्रपति बने थे धनखड़

जगदीप धनखड़ (74) ने अगस्त 2022 में उपराष्ट्रपति का पदभार संभाला था और उनका कार्यकाल 2027 तक था. राज्यसभा के सभापति धनखड़ का इस्तीफा संसद के मानसून सत्र के पहले दिन आया.हाल में उनकी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में एंजियोप्लास्टी हुई थी और इस साल मार्च में उन्हें कुछ दिनों के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था. कुछ अवसरों पर उनकी हालत ठीक नहीं दिखी थी, लेकिन संसद सहित सार्वजनिक कार्यक्रमों में वह अक्सर ऊर्जावान ही दिखे.

राज्यसभा के सभापति के रूप में अपने कार्यकाल में धनखड़ का विपक्ष के साथ कई बार टकराव हुआ, जिसने उन पर महाभियोग चलाने का प्रस्ताव भी पेश किया था. उन्हें हटाने का प्रस्ताव, बाद में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने खारिज कर दिया था. यह प्रस्ताव स्वतंत्र भारत में किसी वर्तमान उपराष्ट्रपति को हटाने का पहला मामला था.

कार्यकाल के दौरान दिया इस्तीफा

वह वीवी गिरि और आर वेंकटरमन के बाद कार्यकाल के दौरान इस्तीफा देने वाले भारत के तीसरे उपराष्ट्रपति हैं. गिरि और वेंकटरमन ने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था. नियमों के अनुसार, उपराष्ट्रपति पद के लिए अगले छह महीनों के भीतर चुनाव कराना आवश्यक है. हालांकि, राज्यसभा के उपसभापति नये उपराष्ट्रपति के निर्वाचित होने तक सदन की कार्यवाही संचालित कर सकते हैं.

कांग्रेस ने इस्तीफे पर उठाया सवाल

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया, उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति का अचानक इस्तीफा देना जितना चौंकाने वाला है, उतना ही समझ से परे भी. रमेश ने कहा कि धनखड़ ने मंगलवार दोपहर एक बजे कार्य मंत्रणा समिति की बैठक तय की थी. कांग्रेस नेता ने कहा कि उन्हें (धनखड़) न्यायपालिका से जुड़ी कुछ बड़ी घोषणाएं भी करनी थीं. अपने त्यागपत्र में, धनखड़ ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मंत्रिपरिषद और सभी सांसदों को उनके कार्यकाल के दौरान सहयोग देने के लिए धन्यवाद दिया.