कफ सिरप कांड में CM मोहन यादव का एक्शन, 4 अधिकारियों को किया सस्पेंड… डॉक्टर अरेस्ट

कफ सिरप कांड में CM मोहन यादव का एक्शन, 4 अधिकारियों को किया सस्पेंड… डॉक्टर अरेस्ट


सीएम मोहन यादव का सख्त एक्शन

छिंदवाड़ा जिले में कफ सिरप पीने से बच्चों की किडनी फेल होने की घटनाओं ने पूरे प्रदेश को झकझोर दिया है. अब तक 16 मासूमों की मौत हो चुकी है. इस गंभीर मामले में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने छिंदवाड़ा के परासिया पहुंचकर मृतकों के परिजनों से मुलाकात की. मुख्यमंत्री ने न्यूटन में दिवंगत अदनान, मैगजीन लाइन निवासी उसैद और बड़कुही की दो वर्षीय योजिता ठाकरे के परिवारों से मिलकर संवेदनाएं व्यक्त कीं और उन्हें सांत्वना दी.

मीडिया से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि इस पूरे प्रकरण में प्रथम दृष्टया दवा निर्माता कंपनी की गलती सबसे बड़ी प्रतीत होती है. इसके अलावा संबंधित विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों की भी बड़ी लापरवाही सामने आई है. जिन पर कार्रवाई की जा रही है. मुख्यमंत्री ने मौके पर ही चार अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश जारी किया. निलंबित अधिकारियों में उप औषधि नियंत्रक एवं नियंत्रण प्राधिकारी भोपाल के शोभित कोष्टा, औषधि निरीक्षक जबलपुर के शरद जैन, औषधि निरीक्षक छिंदवाड़ा के गौरव शर्मा और ड्रग कंट्रोलर आईएएस दिनेश मौर्य शामिल हैं.

कफ सिरप लिखने वाले डॉक्टर अरेस्ट

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा और प्रदेश में कोल्ड्रिफ कफ सिरप की बिक्री पहले ही तत्काल प्रभाव से प्रतिबंधित कर दी गई है. मामले में ड्रग्स एवं कॉस्मेटिक एक्ट की धारा 27(ए), बीएनएस की धारा 105 और 276 के तहत केस दर्ज किया गया है. डॉक्टर प्रवीण सोनी, जिन्होंने अधिकतर मृत बच्चों को यही सिरप लिखी थी उन्हें शनिवार देर रात गिरफ्तार किया गया. इसके पहले परासिया थाने में डॉक्टर सोनी और Sresun Pharmaceutical Company के संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी.

कांग्रेस ने की 1-1 करोड़ मुआवजे की मांग

वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी भी छिंदवाड़ा पहुंचे और सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की संवेदनाएं मर चुकी हैं. पटवारी ने प्रत्येक पीड़ित परिवार को कम से कम 1-1 करोड़ रुपये का मुआवजा देने की राज्य सरकार से मांग की. पटवारी ने मृत बच्चों की याद में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की, जिसमें कांग्रेस के कई नेता शामिल हुए. यह दर्दनाक घटना प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गहरा सवाल खड़ा करती है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जांच पूरी गंभीरता से जारी है और दोषियों के खिलाफ कठोरतम दंड सुनिश्चित किया जाएगा.