संसद के मानसून सत्र में पिछले दो दिनों से पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा चल रही है. कल यानी सोमवार को इस चर्चा की शुरुआत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की थी. सोमवार को इस पर करीब 12 घंटे चर्चा हुई. सत्तापक्ष और विपक्ष के कई सदस्यों ने इस पर अपनी-अपनी बात रखी. आज यानी मंगलवार को भी इस पर चर्चा जारी है. मंगलवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव, कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, पीएम मोदी सहित कई सदस्यों ने अपनी-अपनी बात रखी. चर्चा के दौरान विपक्षी सांसदों ने सरकार से कई सवाल किए. जितने भी सवाल पूछे गए उनमें ज्यादातर सवाल कॉमन थे. ऐसे में आइए जानते हैं ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान संसद में विपक्ष ने कौन-कौन से सवाल उठाए, इस पर सरकार ने क्या जवाब दिया.
संसद में उठे ये 11 सवाल
- पहलगाम का जिम्मेदार कौन?
- पहलगाम में आतंकी कहां से आए?
- पहलगाम हमले के दोषी कहां गए?
- भारत के कितने विमान गिरे?
- आईबी चीफ ने इस्तीफा क्यों नहीं दिया?
- गृह मंत्री ने इस्तीफा क्यों नहीं दिया?
- पहलगाम में पहले से सुरक्षा क्यों नहीं थी?
- कल ही ऑपरेशन महादेव क्यों हुआ?
- ट्रंप ने सीजफायर का ऐलान क्यों किया?
- पीएम मोदी सर्वदलीय बैठक में क्यों नहीं आए?
- मौका था तो PoK क्यों नहीं लिया?
आतंकी कहां से आए और इसके लिए जिम्मेदार कौन?
सवालों में सबसे कॉमन सवाल यही था. कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई, AIMIM चीफ ओवैसी सहित कई सदस्यों ने ये सवाल किया. हालांकि, इस सवाल का जवाब केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को संसद में दिया. शाह ने लोकसभा में कहा कि कल वे (कांग्रेस) हमसे पूछ रहे थे कि आतंकवादी कहां से आए और इसके लिए कौन जिम्मेदार है? बेशक, यह हमारी जिम्मेदारी है क्योंकि हम सरकार में हैं. मुझे बहुत दुख हुआ कि कल इस देश के पूर्व गृह मंत्री चिदंबरम जी ने सवाल उठाया कि क्या सबूत है कि ये आतंकी पाकिस्तान से आए थे. वे क्या कहना चाहते हैं? किसे बचाना चाहते हैं? पाकिस्तान को बचाकर आपको क्या मिलेगा?
पहलगाम हमले के दोषी कहां गए?
ये सवाल भी कॉमन था. कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई सहित कई विपक्षी सांसदों ने ये सवाल पूछा था. इसका जवाब गृह मंत्री ने आज दिया. उन्होंने कहा कि विपक्ष कल पूछ रहे थे कि पहलगाम हमले के दोषी कहां गए? अभी जो 10 नाम मैंने पढ़े हैं, इसमें से 8 वो थे, जिन्होंने चिदंबरम एंड कंपनी के समय आतंकी घटनाएं की. उन्हें नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में अब मारा गया है. आपके समय में जो छुप गए थे, उनको चुन-चुनकर हमारी सेना ने समाप्त कर दिया है. भारतीय सेना ने पहलगाम हमले के जिम्मेदार सुलेमान, जिबरान और अबू हमजा को महादेव ऑपरेशन के तहत मार दिया.
भारत के कितने विमान गिरे?
विपक्ष के कई सदस्यों ने ये सवाल किया. इसका जवाब रक्षा मंत्री ने कल ही लोकसभा में दिया था. उन्होंने कहा कि कभी-कभी विपक्ष के साथी ये पूछते रहे हैं कि हमारे कितने विमान गिरे, मुझे लगता है ये प्रश्न हमारी राष्ट्रीय जन भावनाओं का सही से प्रतिनिधित्व नहीं कर रहा है. उन्होंने एक बार भी हमसे यह नहीं पूछा कि हमारी सेनाओं ने दुश्मन के कितने विमान मार गिराए. उनका प्रश्न होना चाहिए कि क्या भारत ने आतंकी ठिकानों को तबाह किया. उत्तर है, हां. क्या ऑपरेशन सिंदूर सफल है, उसका उत्तर है, हां.
आईबी चीफ ने इस्तीफा क्यों नहीं दिया?
यह सवाल प्रियंका गांधी ने लोकसभा में पूछा. इस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी. मगर उन्होंने सुरक्षा चूक के लिए सरकार की जिम्मेदारी स्वीकार की. उन्होंने कहा कि सरकार ने हमले के तुरंत बाद कार्रवाई की और सुरक्षा बलों को पूरी ऑपरेशनल आजादी दी गई. शाह ने ये भी कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं.
गृह मंत्री ने इस्तीफा क्यों नहीं दिया?
ये सारे सवाल प्रियंका गांधी ने मंगलवार को लोकसभा में पूछे. इस पर अमित शाह ने कहा कि हमारे समय में जो भी आतंकी घटनाएं हुई हैं, वो पाक प्रेरित और कश्मीर सेंट्रिक हुई, देश के अन्य हिस्से में 2014 से 2025 के बीच एक भी आतंकी घटना नहीं हुई है. ये नरेंद्र मोदी सरकार है. कश्मीर में भी आज ऐसी स्थिति है कि उनको पाकिस्तान से आतंकवादी भेजने पड़ते हैं, कश्मीर में अब हमारे आतंकवादी नहीं बनते हैं. 2004 से 2014 तक देश में अखंड सोनिया- मनमोहन सिंह की सरकार थी. 2004 से 2014 तक कश्मीर में 7217 आतंकी घटनाएं हुई थी. 1770 लोग मारे गए. 2014 से 2025 में 2150 आतंकी घटनाएं हुईं.
आतंकी पहलगाम कैसे पहुंचे, वहां सुरक्षा क्यों नहीं थी?
यह सवाल कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई और प्रियंका गांधी ने संसद में उठाया था. सुरक्षा चूक के सवाल पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि सरकार ने हमले के तुरंत बाद कार्रवाई की. उन्होंने बताया कि वह उसी दिन श्रीनगर रवाना हुए और पीड़ित परिवारों से मिले. पीएम मोदी ने 23 और 30 अप्रैल को CCS की बैठकें बुलाईं. शाह ने यह भी कहा कि हमले की जगह बैसारन घाटी में अमरनाथ यात्रा शुरू होने से पहले यानी जून से पहले सुरक्षा बलों की तैनाती नहीं होती, जिसके चलते वहां तत्काल सुरक्षा व्यवस्था में कमी थी.
कल ही ऑपरेशन महादेव क्यों हुआ?
यह सवाल सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोकसभा में पूछा था. इस सवाल का जवाब पीएम मोदी ने लोकसभा में दिया. उन्होंने कहा कि कल हमारे सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन ‘महादेव’ को अंजाम दिया और पहलगाम हमले के तीनों आतंकियों को मार गिराया. लेकिन कल यहां पूछा गया कि आज ही क्यों हुआ, क्या ऑपरेशन के लिए सावन महीने का सोमवार ढूंढा गया था. पिछले कई सप्ताह से पूछा जा रहा था कि पहलगाम के आतंकियों का क्या हुआ और जब आतंकियों को मार गिराया गया तो कल ही क्यों हुआ… क्या हाल है इन लोगों का.
ट्रंप ने सीजफायर का ऐलान क्यों किया?
यह सवाल कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई, AIMIM चीफ ओवैसी सहित कई विपक्षी सांसदों ने पूछा. इस पर कल यानी सोमवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी साफ कहा और आज यानी मंगलवार को पीएम मोदी ने भी इस पर अपनी जानकारी साझा की. जयशंकर ने ट्रंप के सीजफायर के दावे का खंडन किया. उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई मध्यस्थ नहीं था. वहीं, आज पीएम मोदी ने भी कहा कि दुनिया के किसी नेता ने सीजफायर के लिए नहीं कहा. पाकिस्तान के DGMO ने फोन कर सीजफायर की गुहार लगाई थी.
PM मोदी सर्वदलीय बैठक में क्यों नहीं आए?
यह सवाल राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने पूछा. उन्होंने कहा कि 24 अप्रैल को सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई थी. पूरा विपक्ष मीटिंग में था, लेकिन पीएम मोदी नहीं आए. वे सउदी अरब से लौटते ही बिहार में रैली करने चले गए. क्या राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति पीएम की यही गंभीरता है? इसका जवाब में कल जेडीयू सासंद ललन सिंह ने ही दे दिया था. उन्होंने सोमवार को संसद में कहा था कि 24 अप्रैल को पंचायती राज दिवस के अवसर पर पीएम मोदी हर साल किसी न किसी राज्य में जाते हैं. इस साल उन्होंने बिहार के मधुबनी का दौरा किया था.
मौका था तो PoK क्यों नहीं लिया?
यह सवाल सोमवार को कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने पूछा था. इस पर आज पीएम मोदी ने शानदार जवाब दिया. प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस पूछ रही है कि मैंने पीओके वापस क्यों नहीं लिया? इसका जवाब पहले पूछने वालों को देना होगा. किसकी सरकार ने POK पर पाकिस्तान को कब्जा करने दिया. 1971 में पीओके वापस मिल सकता था. पर नहीं.