एक इस्तीफे से मचा हड़कंप, 10% टूट गया ये फार्मा शेयर! निवेशकों की उड़ी नींद

एक इस्तीफे से मचा हड़कंप, 10% टूट गया ये फार्मा शेयर! निवेशकों की उड़ी नींद


कोहेंस लाइफसाइंसेज में वी प्रसाद राजू के इस्तीफे से शेयर 10.2% तक गिर गए.

Cohens Lifesciences Share: बुधवार का दिन फार्मा सेक्टर की एक कंपनी के लिए भारी उथल-पुथल लेकर आया. कोहेंस लाइफसाइंसेज (Cohens Lifesciences) के निवेशकों ने आज जो देखा, उसने उनकी चिंता बढ़ा दी है. बाजार खुलते ही कंपनी के शेयरों में ऐसी बिकवाली शुरू हुई कि शेयर 10 फीसदी से ज्यादा लुढ़क गया. जो शेयर कल 854.50 रुपये के करीब था, वो आज कारोबार के दौरान 767.10 रुपये के निचले स्तर पर आ गया. इस एक दिन की गिरावट ने कंपनी के मार्केट कैप (बाजार पूंजीकरण) को भी बड़ा झटका दिया और यह 31,372 करोड़ रुपये पर आ गया.

इस तेज गिरावट ने निवेशकों की सांसें अटका दीं. सवाल उठा कि आखिर ऐसा क्या हो गया कि निवेशक अचानक इस फार्मा कंपनी से अपना भरोसा खो बैठे? इस घबराहट और बिकवाली के पीछे की वजह कंपनी के टॉप मैनेजमेंट में हुआ एक बड़ा और अचानक बदलाव है, जिसने बाजार के सेंटिमेंट को हिलाकर रख दिया है.

कंपनी के ‘कैप्टन’ ने छोड़ा जहाज

खबर यह है कि कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर (एमडी) और डायरेक्टर वी प्रसाद राजू ने 28 अक्टूबर को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. किसी भी बड़ी कंपनी के लिए एमडी का पद उसकी रीढ़ की हड्डी जैसा होता है. एमडी ही कंपनी की डे-टू-डे फंक्शनिंग और भविष्य की रणनीतियों को दिशा देता है. जब इतना बड़ा अधिकारी अचानक कंपनी छोड़ने का फैसला करता है, तो निवेशकों के बीच एक अनिश्चितता और अविश्वास का माहौल बन जाता है.

निवेशकों को यह डर सताने लगता है कि शायद कंपनी के अंदर सब कुछ ठीक नहीं है, या आने वाला समय चुनौतीपूर्ण हो सकता है. इसी घबराहट में निवेशक अपने शेयर बेचने लगते हैं. कोहेंस लाइफसाइंसेज के साथ भी ठीक यही हुआ. जैसे ही एमडी के इस्तीफे की खबर फैली, निवेशकों ने बिकवाली शुरू कर दी और शेयर 10% से ज्यादा टूट गया.

इस्तीफे के पीछे की वजह ‘पर्सनल’

कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज को दी जानकारी में बताया कि प्रसाद राजू ने अपने इस्तीफे का कारण ‘पर्सनल काम को बताया है. उन्होंने कहा कि वह निजी कारणों से यह फैसला ले रहे हैं. हालांकि, राजू तुरंत कंपनी से अलग नहीं हो रहे हैं. वह एक ‘सुचारू ट्रांजिशन’ (smooth transition) सुनिश्चित करने तक कंपनी के साथ बने रहेंगे. इसका सीधा मतलब यह है कि वह अपनी सभी जिम्मेदारियां नए अधिकारी को ठीक से सौंपने और उन्हें कामकाज समझाने के बाद ही पद छोड़ेंगे. कंपनी के मुताबिक, राजू 28 अक्टूबर 2025 को बिजनेस आवर्स के खत्म होने पर डायरेक्टर और की मैनेजेरियल पर्सनल के पद से हट जाएंगे, लेकिन उनके कॉन्ट्रैक्ट के तहत वह ट्रांजिशन के लिए उपलब्ध रहेंगे.

राजू के जाने की खबर के साथ ही कंपनी ने नए नेतृत्व की घोषणा भी कर दी. हिमांशु अग्रवाल को 29 अक्टूबर से कंपनी का एडिशनल डायरेक्टर और होल-टाइम डायरेक्टर नियुक्त किया गया है.

क्या करती है कंपनी?

कोहेंस लाइफसाइंसेज कोई छोटी-मोटी कंपनी नहीं है. यह एक कॉन्ट्रैक्ट डेवलपमेंट एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑर्गनाइजेशन (CDMO) है. आसान भाषा में समझें तो, यह कंपनी दुनिया की बड़ी-बड़ी फार्मास्यूटिकल और बायोटेक्नोलॉजी कंपनियों के लिए दवाएं और उससे जुड़े जरूरी केमिकल (API) बनाने का काम ठेके पर करती है. कंपनी का फोकस कॉम्प्लेक्स मॉलिक्यूल्स, एक्टिव फार्मास्यूटिकल इंग्रीडिएंट्स (एपीआई) और स्पेशल्टी केमिकल्स बनाने पर है, जो एक विशेषज्ञता का काम है. कंपनी का बिजनेस मॉडल ‘स्ट्रैटेजिक एक्विजिशंस’ यानी दूसरी कंपनियों को खरीदकर अपने नेटवर्क को मजबूत बनाने पर टिका है.

Disclaimer:ये आर्टिकल सिर्फ जानकारी के लिए है और इसे किसी भी तरह से इंवेस्टमेंट सलाह के रूप में नहीं माना जाना चाहिए. TV9 भारतवर्ष अपने पाठकों और दर्शकों को पैसों से जुड़ा कोई भी फैसला लेने से पहले अपने वित्तीय सलाहकारों से सलाह लेने का सुझाव देता है.