कर्ज में डूबा अमेरिका
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दूसरी बार सत्ता की बागडोर संभालने के बाद से ही दुनिया भर के देशों पर टैरिफ का चाबुक चलाना शुरू कर दिया. मनमाने ढंग से सभी पर टैरिफ लगा दिए, जिसका नकारात्मक प्रभाव अब खुद ट्रंप के देश अमेरिका पर देखने को मिल रहा है. यूएस का ट्रेड डेफिसिट बढ़ रहा है. जुलाई महीने में ही कर्ज बढ़कर 78.3 अरब डॉलर हो गया.
अमेरिकी कॉमर्स डिपार्टमेंट की रिपेार्ट के मुताबिक जुलाई में अमेरिका का व्यापार घाटा सालाना आधार पर 32.5 फीसदी बढ़ गया है. कुछ इकोनॉमिस्ट ने अमेरिका के व्यापार घाटे को इस महीने 75.7 अरब डॉलर पर रहने का अनुमान जताया था. जो कि अपने अनुमान से भी कहीं ज्यादा रहा है. इसके पीछे का प्रमुख कारण ट्रंप की टैरिफ नीतियों को माना जा रहा है, जिस पर उन्हें अमेरिकी कोर्ट ने भी फटकार लगाई है.
क्यों बढ़ रहा है व्यापार घाटा
अमेरिका के बढ़ते ट्रेड डिफेसिट का असर उसके जीडीपी पर भी देखने को मिल रहा है. अमेरिका का आयात भी बढ़ रहा है. यहां एक बात समझने वाली है कि किसी देश का आयात बढ़ना निगेटिव नहीं होता है. बशर्ते उसके निर्यात भी खूब हो. लेकिन अमेरिका का आयात तो बढ़ रहा है. लेकिन निर्यात में बस मामूली बढ़ोतरी है. इसी का नतीजा है कि देश का व्यापार घाटा बढ़ गया है.
आयात में हुई है बढ़ोतरी
आयात में हुई बढ़ोतरी जुलाई में कुल इंपोर्ट 5.9% बढ़कर 358.8 अरब डॉलर हो गया. इसमें वस्तुओं का आयात 6.9% बढ़ा और 283.3 अरब डॉलर तक पहुंच गया. औद्योगिक सामान और कच्चे माल का आयात 12.5 अरब डॉलर बढ़ा, जिसमें गैर-मौद्रिक सोने का हिस्सा 9.6 अरब डॉलर था. पेट्रोलियम इंपोर्ट अप्रैल 2021 के बाद सबसे कम रहा.
कैपिटल गुड्स का इंपोर्ट 4.7 अरब डॉलर बढ़कर 96.2 अरब डॉलर हो गया. कंप्यूटर, टेलीकॉम उपकरण और औद्योगिक मशीनरी का आयात भी बढ़ा. सेमीकंडक्टर आयात में 0.8 अरब डॉलर की कमी आई. उपभोक्ता वस्तुओं का आयात 1.3 अरब डॉलर बढ़ा. फार्मास्यूटिकल इंपोर्ट 1.1 अरब डॉलर घटा. वाहन, ऑटो पार्ट्स और इंजन का आयात 1.4 अरब डॉलर कम हुआ.
अमेरिका का निर्यात
अमेरिका का निर्यात 0.3% बढ़कर 280.5 बिलियन डॉलर हो गया. सामान का एक्सपोर्ट 0.1% बढ़कर 179.4 बिलियन डॉलर हुआ. कैपिटल गुड्स का एक्सपोर्ट 0.6 बिलियन डॉलर बढ़कर 59.9 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया. वहीं, व्हीकल, ऑटो पार्ट्स और इंजन का एक्सपोर्ट 0.3 बिलियन डॉलर बढ़ा है. इंडस्ट्रियल सप्लाई और मैटेरियल्स का एक्सपोर्ट 0.2 बिलियन डॉलर कम हुआ.
इसके अलावा, गोल्ड के एक्सपोर्ट में 2.9 बिलियन डॉलर की बढ़त हुई. कुल सामान के ट्रेड डेफिसिट में 21.2% की बढ़ोतरी हुई. चीन के साथ सामान का ट्रेड डेफिसिट 5.3 बिलियन डॉलर बढ़कर 14.7 बिलियन डॉलर हो गया. इसके अलावा, मैक्सिको, वियतनाम, यूरोपीय संघ, स्विट्जरलैंड, भारत, दक्षिण कोरिया और जापान के साथ भी ट्रेड डेफिसिट रहा है.