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Thursday, October 17, 2024

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इजरायल में अब तक का सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन, लाखों लोग तेल अवीव की सड़कों पर, पुलिस से झड़प


बीते एक साल से इजरायल और गाजा में जंग जारी है। पिछले साल अक्तूबर में हमास के हमले के बाद शुरू हुए इस युद्ध में हजारों आम लोगों की मौत हो चुकी है वहीं दोनों पक्षों के कई लोग अब भी बंधक हैं। इजरायल के लोग अब इस स्थिति से हताश हो चुके हैं और लाखों लोग सरकार के विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं। इजरायल की राजधानी में अब तक के सबसे बड़े विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। इन प्रदर्शनों में लगभग 7 लाख 50 हजार लोग सड़क पर उतर कर मांग कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार गाजा में बाकी बचे कैदियों को छुड़ाने किया जल्द से जल्द समझौता करे।

इजराइली सेना द्वारा दक्षिणी गाजा में एक सुरंग से 6 कैदियों के शव बरामद करने की घोषणा के एक सप्ताह बाद लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा है। इजराइली बंदियों के परिवार के सदस्य और उनका प्रतिनिधित्व करने वाले समूह इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू और उनकी सरकार पर समझौता करने में नाकामयाब होने का आरोप लगा रहे हैं। उनका कहना है कि नेतन्याहू कैदियों की रिहाई सुनिश्चित नहीं कर पा रहे हैं। इजराइली सेना के मुताबिक गाजा में अब भी 100 से अधिक बंदी बचे हुए हैं। हालांकि यह अनुमान है कि उनमें उनमें से लगभग एक तिहाई को हमास के आतंकियों ने मार दिया है।

अब तक 40,000 लोगों ने गंवगई जान

इससे पहले पिछले नवंबर में हुए एक समझौते के तहत इजरायली जेलों में बंद 240 फिलिस्तीनी कैदियों के बदले में हमास ने कुल 105 बंदियों को रिहा किया था। हमास के नेतृत्व में फिलिस्तीनी लड़ाकों ने 7 अक्टूबर को दक्षिणी इजरायल में हुए हमले के बाद लगभग 240 लोगों को बंदी बना लिया था। इस हमले में कम से कम 1,139 लोग मारे गए थे। तब से इजरायल ने गाजा में लगातार हमले किए हैं जिनमें 40,000 से अधिक फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है। इजरायली हमलों में कब्जे वाले वेस्ट बैंक में भी 600 से अधिक लोगों की मौत हुई है और सेना ने लगभग 10,000 फिलिस्तीनियों को हिरासत में ले लिया है।

नेतन्याहू अब भी अड़े

प्रदर्शन आयोजकों का कहना है कि तेल अवीव में 5 लाख लोग रैलियों में शामिल हुए और देश के अन्य शहरों में ढाई लाख लोगों ने रैलियों में हिस्सा लिया। अल जजीरा की एक रिपोर्ट के मुताबिक अधिकांश प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं सुनती और अपनी नीति नहीं बदलती। रिपोर्ट के मुताबिक पिछले सप्ताह प्रदर्शनों में भीड़ देखी गई लेकिन नेतन्याहू का कहना है कि बाकी बचे बंदियों को वापस घर लाने के लिए सैन्य हमले अभी भी मुख्य तरीका है और उनकी रिहाई के लिए कोई समझौता अभी भी नज़र नहीं आ रहा है।

हम माफ़ नहीं करेंगे- प्रदर्शनकारी

शनिवार रात को तेल अवीव में एक रिहा हुए कैदी ने रैली में कहा, “प्रधानमंत्री कुछ दिन पहले बंदियों के परिवारों के सामने आएं और कहा खेद है कि हम उन्हें जीवित वापस नहीं ला पाए। लेकिन अगर आप अपने तरीके बदलने का इरादा नहीं रखते हैं तो यह किस तरह की माफ़ी है?” इससे पहले उन्होंने कहा, “हम माफ़ नहीं करेंगे।”

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