इंदौर में ट्रैफिक को लेकर हाईकोर्ट का कड़ा रुख- सख्ती के बिना सुधार संभव नहीं

इंदौर में ट्रैफिक को लेकर हाईकोर्ट का कड़ा रुख- सख्ती के बिना सुधार संभव नहीं

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इंदौर की यातायात व्यवस्था पर कड़ा रुख अपनाया है। न्यायमूर्ति विवेक रुसिया और न्यायमूर्ति बीके द्विवेदी की युगलपीठ ने कहा कि सख्ती के बिना सुधार संभव नहीं है। कोर्ट ने अधिकारियों से कहा कि वे यातायात सुधारने की कार्ययोजना के साथ उपस्थित हों। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सड़क पर अतिक्रमण और यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया।

सख्ती के बगैर कोई सुधार संभव नहीं है। इंदौर समझदार लोगों का शहर है। थोड़ी-सी सख्ती करोगे तो यह लोगों की आदत में शामिल हो जाएगा। वर्तमान में लोगों में कानून का कोई डर नहीं है। शहर का यातायात सुधारना है तो यहां के लोगों को जागरूक करना होगा। पुलिस हर जगह खड़ी नहीं रह सकती। इंदौर स्वच्छता में नंबर वन बन सकता है तो यातायात में क्यों नहीं। अधिकारियों को यहां समस्या के समाधान के लिए बुलाया है।

यह बात मप्र हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति विवेक रुसिया और न्यायमूर्ति बीके द्विवेदी की युगलपीठ ने मंगलवार को शहर की बदहाल यातायात व्यवस्था को लेकर चल रही जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कही। जनहित याचिका राजलक्ष्मी फाउंडेशन की ओर से लगाई गई है। कोर्ट के आदेश पर कलेक्टर आशीष सिंह, पुलिस आयुक्त संतोष सिंह, निगमायुक्त शिवम वर्मा न्यायालय में उपस्थित हुए।

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पूर्व में कोर्ट ने महापौर पुष्यमित्र भार्गव से कहा था कि वे न्यायमित्र के रूप में कोर्ट की सहायता करें। इसलिए वे भी उपस्थित थे। शासन और नगर निगम की ओर से पैरवी कर रहे एडवोकेट भुवन गौतम ने कोर्ट को बताया सिग्नल जंप करने वालों पर कार्रवाई की जाती है। न्यायमूर्तिगण ने आदेश सुरक्षित रख लिया है।

सड़क कितनी चौड़ी है देखना हो तो सुबह पांच बजे निकलो

कोर्ट ने व्यवस्था पर तंज कसते हुए कहा कि हालत यह है कि आधी से ज्यादा सड़क पर दुकानदारों का सामान पड़ा रहता है। निगम की टीम कार्रवाई के लिए निकलती है तो दुकानदार सामान अंदर कर लेते हैं। कार्रवाई खत्म होते ही दुकानें फिर सड़क पर उतर आ जाती हैं। सड़क की वास्तविक चौड़ाई देखना हो तो सुबह पांच बजे निकलकर देखो।

जब तक सख्ती नहीं होगी तब तक कुछ नहीं होगा

कोर्ट ने कहा कि जनता को जागरूक करना होगा। हर जगह पुलिस या निगम को खड़ा नहीं किया जा सकता। यह संभव नहीं है कि हर व्यक्ति के पीछे पुलिस खड़ी रहे। जनता को जागरूक करने के लिए सख्ती दिखानी होगी। बगैर हेलमेट लोग सड़क पर घूमते हैं। जब तक सख्ती नहीं दिखाओगे, भारी जुर्माना नहीं लगाओगे, कुछ नहीं होगा।

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एक घंटे से ज्यादा समय चली सुनवाई

कोर्ट ने आठ जुलाई को आदेश देते हुए बदहाल यातायात को लेकर दस बिंदुओं पर शासन से जवाब मांगा था। कोर्ट ने अधिकारियों से कहा था कि वे यातायात को सुधारने की कार्ययोजना के साथ उपस्थित हों। मंगलवार को एक घंटे से ज्यादा समय तक सुनवाई चली। कोर्ट ने बिंदुवार चर्चा की।