इंदौर-मनमाड़ रेल प्रोजेक्ट को मिली गति, पांच वर्ष में काम होगा पूरा

इंदौर से मनमाड़ को रेल लाइन द्वारा जोड़ने की प्रक्रिया अब और तेज हो गई है। इसके लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। इस नई रेल लाइन से मध्य प्रदेश के आदिवासी अंचल बड़वानी, खरगोन, धार भी जुडेंगे। इन इलाकों से पहली बार रेल लाइन गुजरेगी।

बहुप्रतीक्षित इंदौर-मनमाड़ नई रेल लाइन परियोजना का जमीनी स्तर पर काम शुरू हो गया है। पांच वर्ष में तैयार होने वाली इस परियोजना में टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। इस नई रेल लाइन से धार, खरगोन और बड़वानी के आदिवासी अंचल से पहली बार रेल लाइन गुजरेगी।

परियोजना से लगभग एक हजार गांवों और 30 लाख आबादी का रेल सेवा से सीधा संपर्क जुड़ेगा। परियोजना से पीथमपुर के औद्योगिक क्षेत्र को गति मिलेगी। प्रोजेक्ट पूरा होने पर 16 जोड़ी पैसेंजर ट्रेन का संचालन होगा, जिसमें 50 लाख यात्री शुरुआती वर्षों में सफर करेंगे। हर साल इस प्रोजेक्ट से रेलवे को 900 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व मिलेगा।

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इंदौर से मुंबई की दूरी भी 830 किमी से घटकर 568 किमी रह जाएगी। संघर्ष समिति के मनोज मराठे ने बताया कि हाल ही में रेलवे ने जो जानकारी दी है, उसके अनुसार रेलवे ने प्रोजेक्ट में भूमि अधिग्रहण और निर्माण कार्य की टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रोजेक्ट पूरा होने से 24 मालगाड़ियों का संचालन होगा।

टेंडर प्रक्रिया शुरू

  • 16 हजार करोड़ रुपये से बनेगी 309 किमी लंबी नई रेल लाइन।
  • इंदौर से मुंबई की दूरी घटकर 568 किमी रह जाएगी।
  • पीथमपुर के औद्योगिक क्षेत्र को मिलेगी गति।

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यहां से गुजरेगी रेल लाइन

नई रेल लाइन महू से धार होते हुए धरमपुरी, ठीकरी, राजपुर, सेंधवा, सिरपुर, शिखंडी, धुले, मालेगांव होकर मनमाड़ पहुंचेगी। पूरी परियोजना में 30 नए रेलवे स्टेशन भी बनाए जाएंगे।

ये भी जानें

  • 309 किमी लंबी लाइन लाइन बिछेगी।
  • इंदौर-मुंबई के बीच सबसे छोटा रेल मार्ग बनेगा।
  • मप्र के चार जिलों से होकर गुजरेगी रेल लाइन।
  • 2028-29 तक पूरी होगी परियोजना।

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