लंबे समय से रहस्यमयी बनी हुई अर्चना तिवारी की गुमशुदगी का राज अब खुल गया है। पुलिस जांच में सामने आया कि अर्चना खुद इस पूरे प्लान की मास्टरमाइंड थी।
स्टूडेंट्स पॉलिटिक्स कर चुकी अर्चना परिवार की पसंद से शादी नहीं करना चाहती थी। घरवालों ने कई रिश्ते दिखाए लेकिन अर्चना हर बार इंकार करती रही। इसी कारण घर में अक्सर विवाद होते थे। इसी बीच इंदौर की एक ट्रेन यात्रा में उसकी मुलाकात सारांश से हुई और दोनों की दोस्ती बढ़ी।
अर्चना ने दोस्तों के साथ मिलकर रचा पूरा प्लान
जानकारी के मुताबिक कुछ दिन पहले हरदा में अर्चना ने अपने करीबी दोस्तों के साथ मिलकर पूरा प्लान तैयार किया। इस प्लान में कैब ड्राइवर तेजिंदर की अहम भूमिका रही। वह अक्सर अर्चना को लेकर बाहर जाया करता था और इसी दौरान ट्रेन यात्रा में भी मौजूद था।
तेजिंदर ने ही अर्चना को कपड़े उपलब्ध कराए और ट्रेन में ही कपड़े बदलवाए ताकि पहचान न हो सके। इतना ही नहीं, ट्रेन में अर्चना का सामान भी छोड़ दिया गया जिससे लगे कि वह ट्रेन से गिर गई है।
इस बीच तेजिंदर को दिल्ली पुलिस ने एक पुराने फ्रॉड केस में गिरफ्तार कर लिया। वहीं अर्चना ट्रेन से उतरकर सारांश के साथ शुजालपुर पहुंच गई और दो दिन तक वहां रही। जब मामला और तूल पकड़ने लगा तो वह हैदराबाद चली गई और बाद में नेपाल के काठमांडू पहुंच गई।
पुलिस ने किया खुलासा
पुलिस पूछताछ में सारांश ने पूरी सच्चाई सामने रखी। अर्चना ने भी साफ किया कि सारांश उसका सिर्फ दोस्त है और उनके बीच किसी तरह का प्रेम संबंध नहीं है। पुलिस जांच में यह भी स्पष्ट हो गया कि आरक्षक राम तोमर का इस मामले से कोई संबंध नहीं है।
अब तक जिस गुमशुदगी को रहस्यमयी माना जा रहा था, वह अर्चना का खुद का रचा हुआ ड्रामा निकला। पुलिस के मुताबिक अर्चना ने यह कदम परिवार के दबाव से बचने और अपनी मर्जी से जिंदगी जीने के लिए उठाया। आज शाम तक उसे परिजनों के हवाले कर दिया जाएगा।