भिलाई के कुख्यात अपराधी अमित जोश का पुलिस एनकाउंटर में मारा जाना शनिवार को पोस्टमार्टम किया गया। दो गोलियां उसके शरीर से निकाली गईं, एक पेट में और दूसरी दाहिने पैर से। फोरेंसिक टीम ने घटना स्थल से एक गोली और आठ खोखे जब्त किए। इस मुठभेड़ में पुलिस ने 16 राउंड फायर किए, जबकि अमित जोश ने सात-आठ गोलियां चलाईं।
वहीं घटना स्थल से फोरेंसिक की टीम ने एक गोली और आठ खोखे जब्त किए। इस मुठभेड़ में पुलिस की ओर से 16 राउंड फायर किया गया था। वहीं बदमाश अमित जोश ने सात से आठ गोलियां चलाई थी। जिसमें से एक गोली पुलिस की गाड़ी से बरामद किया गया है।
जिला अस्पताल के डाक्टर कल्याण सिंह, डा. मयंक और डा. कामेंद्र ठाकुर की टीम ने न्यायिक दंडाधिकारी के सामने अमित जोश के शव का पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम की पूरी वीडियोग्राफी भी कराई गई। शनिवार की शाम को करीब चार बजे उसके शव को जिला अस्पताल के चीरघर में लाया गया। शव के पहुंचते ही अमित जोश की मां बिज्जी मोरिस वहां पर विलाप करने लगी।
मामले की गंभीरता को देखते हुए पोस्टमार्टम के दौरान भी चीरघर के आसपास भारी पुलिस बल तैनात रहा। करीब तीन घंटे तक शव का पोस्टमार्टम चला। इस दौरान उसके स्वजन भी चीरघर के बाहर ही उपस्थित रहे। पोस्टमार्टम के बाद शव को स्वजनों को सौंप दिया गया और परिवार वालों ने उसका कफन दफन भी कर दिया।
अब आगे होगी ये प्रक्रिया
कुख्यात गुंडा बदमाश अमित जोश के एनकाउंटर के बाद भिलाई नगर थाना में उसके खिलाफ 37वां अपराध हत्या का प्रयास का दर्ज किया गया। इसके साथ ही एसपी जितेंद्र शुक्ला ने एनकाउंटर की परिस्थितियों को अवगत करवाती हुई पूरी रिपोर्ट एनएचआरसी (नेशनल ह्यूमन राइट्स कमिशन) यानी की राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग को भेजी। एनएचआरसी इस मामले की जांच करेगी। एनकाउंटर की परिस्थितियों को आंकलन कर इसकी रिपोर्ट की जाएगी।
अमित जोश के भिलाई आने की सूचना पर पुलिस की टीमें उसे पकड़ने के लिए लगी हुई थी। उसने पहले पुलिस पर गोलियां चलाई। जिसके जवाब और आत्मरक्षा में पुलिस ने भी गोलियां चलाई। जिसमें अमित जोश मारा गया। अभी ये मामला खत्म नहीं हुआ है। जिन्होंने भी अमित जोश के भागने और उसे शरण देने में मदद की है, वे सभी जेल जाएंगे। जितेंद्र शुक्ला, एसपी दुर्ग
हर तरह के अपराध में लिप्त था अमित जोश
अमित जोश उर्फ मोरिस भिलाई नगर का बहुत ही कुख्यात अपराधी था। उसके खिलाफ एक हत्या, पांच हत्या का प्रयास, चार लूट, 12 आर्म्स एक्ट सहित कुल 36 मामले पहले से पंजीबद्ध थे। वो बिना किसी बात के राह चलते लोगों को चाकू और गोली मार देता था। बीएसपी के आवासों पर कब्जा कर उसे किराये पर देता था।
उसके अपराध को उसकी मां बिज्जी मोरिस, जीजा लक्की जार्ज और बहन भी परश्रय देते थे। उसने 25 जून की रात को विश्रामपुर निवासी सुनील यादव और आदित्य सिंह पर सेक्टर-6 ग्लोब चौक के पास गोली चलाई थी। इस घटना के बाद भी उसके परिवार वालों ने उसका साथ दिया था। जिसके चलते उन्हें गिरफ्तार किया गया था।