अब ट्रेन छोड़ने की नहीं जरूरत, चलती गाड़ी में कर सकेंगे FIR, आपकी सीट पर आएगी जीआरपी पुलिस

अब ट्रेन छोड़ने की नहीं जरूरत, चलती गाड़ी में कर सकेंगे FIR, आपकी सीट पर आएगी जीआरपी पुलिस

इंदौर। ट्रेन में घटना-दुर्घटना या वारदात होने पर ट्रेन छोड़ने की आवश्यकता नहीं है। एक कॉल पर शासकीय रलवे पुलिस (जीआरपी) आपके पास पहुंचेगी। न सिर्फ रिपोर्ट लिखेगी बल्कि रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) आपकी सुरक्षा भी करेगी। आपको सिर्फ एक कॉल लगाने की आवश्यता है। घटना कहीं भी हो एफआईआर स्वत: संबंधित आरक्षी केंद्र पर पहुंच जाएगी।

चलती ट्रेन में ही रिपोर्ट लिखवा सकते है यात्री

ट्रेन में प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज कराने के प्रावधान तो है मगर ज्यादातर लोग उनसे अनभिज्ञ है। घटना दुर्घटना होने पर घबरा जाते है। कभी कभी तो यात्रा बीच में छोड़ कर रिपोर्ट लिखवाने के लिए ट्रेन से उतर जाते है। उन्हें रेलवे पुलिस की सुविधाओं और हेल्पलाइन की जानकारी नहीं है। यात्री चलती ट्रेन में ही रिपोर्ट लिखवा सकते है। इसके लिए उन्हें हेल्पलाइन नंबर-139 पर कॉल लगाने की आवश्यकता है।

चोरी-लूट या कोई भी अप्रिय घटना होने पर हेल्प लाइन पर शिकायत करें। ट्रेन में ही मौजूद आरपीएफ व जीआरपी के जवान(ट्रेन गार्ड)आप तक पहुंच जाएंगे। पुलिसकर्मी एफआईआर दर्ज करने के लिए फॉर्म (फॉर्मेट) उपलब्ध करवाएं। उसे भरने पर पुलिसकर्मी आगे आने वाले थाने में उक्त फॉर्म को फॉरवर्ड कर एफआईआर दर्ज करवा देंगे।

थाना सीमा का झंझट खत्म,कहीं भी लिखवाएं रिपोर्ट

रेल में घटना होने पर सीमा क्षेत्र को लेकर भी असमंजस रहता है। यात्री इस कारण भी थाने में जाने से बचते है। लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है। यात्रीगण किसी भी थाने में किसी भी वक्त रिपोर्ट लिखवा सकते है। जीआरपी टीआइ रश्मि पाटीदार के अनुसार यात्रियों को बीच में उतरने या संबंधित थाने में जाने की कोई आवश्यकता नहीं है। वह कहीं भी उतर कर रिपोर्ट लिखवा सकते है। पुलिस शून्य पर कायमी कर संबंधित थाने को एफआईआर भिजवा देती है।

इस वर्ष ही करीब ढाई सौ मामले शून्य पर दर्ज हुए

टीआइ के अनुसार सबसे ज्यादा संख्या शुन्य पर दर्ज हुए प्रकरणों की ही है। इस वर्ष ही करीब ढाई सौ मामले शून्य पर दर्ज हुए है जिनके असल घटना स्थल पश्चिम बंगाल, पंजाब, हरियाणा, केलर थे। पुलिस यात्री से सिर्फ घटना का विवरण और स्थान के बारे में पूछती है। इसके बाद शून्य पर कायमी कर संबंधित थाने को एफआईआर भिजवा देते है।

एफआइआर के पहले छानबीन शुरु कर देती है पुलिस शून्य पर दर्ज एफआईआर को संबंधित थाने में पहुंचने में समय लगता है। पुलिस एफआईआर का इंतजार नहीं करती है। ई-मेल के द्वारा जानकारी मिलते ही पुलिस विवेचना और छानबीन में जुट जाती है। घटना का विवरण लेकर सीसीटीवी फुटेज, पूछताछ, संदेहियों की तलाश शुरु कर दी जाती है। इसके कारण जीआरपी में ट्रेसिंग और बरामदगी का प्रतिशत भी सबसे ज्यादा है।

महिलाओं-बच्चों के लिए विशेष सतर्कता

एडिशनल एसपी (जीआरपी) मनीषा पाठक सोनी के मुताबिक जीआरपी पुलिस महिलाओं और बच्चों को लेकर सतर्क रहती है। रेलवे स्टेशन और ट्रेन में चलने वाले गार्ड बच्चों पर नजर रखते है। कईं बार छोटे बच्चे अभिभावकों से नाराज होकर आ जाते है। महिलाएं भी घरेलू विवाद के कारण घर छोड़ देती है। पुलिसकर्मी नाबालिग बच्चों और महिलाओं को अकेली देखकर उनसे जानकारी लेते है। एएसपी के अनुसार हर महीने करीब 20 बच्चों को रिकवर कर उनके अभिभावकों से सुपुर्द किया जाता है।

ट्रेन में यात्रा के दौरान यात्री द्वारा अपनाए जाने वाले सुरक्षा उपाय

1. यात्रीगणों की जिम्मेदारियां चलती ट्रेन में चढ़ने एवं उतरने की कतई कोशिश न करें।

2. ट्रेन में चढ़ते अथवा उतरते समय हमेशा प्लेटफॉर्म का उपयोग करे, प्लेटफॉर्म के विपरित दिशा से चढ़ने अथवा उतरने पर आप दुर्घटना के शिकार हो सकते है।

3. रेलवे ट्रैक पैदल पार करने से सदा बचें, न करें। कभी भी दुर्घटना हो सकती है।

4. यात्री को दिव्यांग कोच, लेडीज कोच, गार्ड ब्रेक और पार्सल वैन में यात्रा नहीं करना चाहिए।

5. यात्रीगण यात्रा के दौरान ट्रेन में ज्वलनशील पदार्थ न रखें और धूम्रपान और शराब का सेवन न करें।