अपने ही लोगों पर बम बरसाने से फुर्सत मिले तब अर्थव्यवस्था पर देगा ध्यान… UNHRC में भारत ने पाकिस्तान को किया शर्मसार

अपने ही लोगों पर बम बरसाने से फुर्सत मिले तब अर्थव्यवस्था पर देगा ध्यान… UNHRC में भारत ने पाकिस्तान को किया शर्मसार
भारत ने आतंकवाद को लेकर पाक को घेरा

भारत ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में पाकिस्तान को भारत के खिलाफ भड़काऊ बयान देने पर घेरा. भारत ने पाकिस्तान को करारा जवाब दिया. भारतीय राजनयिक क्षितिज त्यागी ने खैबर पख्तूनख्वा में नागरिकों पर पाकिस्तानी सेना के हमलों का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा, पाकिस्तान पहले अपनी वेंटिलेटर पर पड़ी अर्थव्यवस्था को बचाने पर ध्यान दे. लेकिन वो यह ध्यान तब दे पाएगा जब उन्हें अपने ही लोगों पर बमबारी से फुर्सत मिले.

भारत ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि वो भारत के खिलाफ आधारहीन और भड़काऊ बयान देकर इस मंच का दुरुपयोग कर रहा है. जेनेवा में प्रमानेंट मिशन के काउंसलर क्षितिज त्यागी ने मानवाधिकार परिषद के 60वें सत्र में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा कि पाकिस्तान को चाहिए कि वो लाइफ़ सपोर्ट पर खड़ी अपनी अर्थव्यवस्था को बचाने, सेना के दबदबे में दब चुकी अपनी राजनीति को सुधारने और उत्पीड़न से दागदार अपने मानवाधिकार रिकॉर्ड को ठीक करने पर ध्यान दे. काउंसलर क्षितिज त्यागी ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा, ऐसा प्रतिनिधिमंडल, जो इस सोच से पूरी तरह उलट है, लगातार इस मंच का भारत के खिलाफ आधारहीन और भड़काऊ बयान देकर दुरुपयोग कर रहा है.

भारत ने पाकिस्तान को घेरा

काउंसलर त्यागी ने आगे कहा, हमारे क्षेत्र पर नजर गड़ाने के बजाय, बेहतर होगा कि वो हमारे अवैध कब्जे वाले भारतीय क्षेत्र को खाली करें और अपनी अर्थव्यवस्था को बचाने, सेना के दबदबे में दबी राजनीति को सुधारने और उत्पीड़न से दागदार मानवाधिकार रिकॉर्ड पर ध्यान दें. हालांकि, वो यह सब तब करेंगे जब उन्हें आतंकवाद फैलाने, संयुक्त राष्ट्र की ओर से प्रतिबंधित आतंकवादियों को पनाह देने और अपने ही लोगों पर बम बरसाने से फुर्सत मिले.

स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, सोमवार को खैबर पख्तूनख्वा के एक गांव पर पाकिस्तान की रातभर की हवाई कार्रवाई में कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई. इसी का जिक्र करते हुए भारत ने पाकिस्तान को घेरा.

परिषद को लेकर क्या कहा?

त्यागी ने दोहराया कि परिषद को सबके लिए समान, निष्पक्ष और बिना पक्षपात का रुख अपनाना चाहिए. उन्होंने कहा, हम सबकी कोशिशें एकजुटता और अच्छे सहयोग को बढ़ाने वाली हों, न कि बांटने वाली. उन्होंने कहा, हमें इस बात की चिंता है कि कुछ खास देशों पर अलग-अलग फैसले और आदेश लगातार बढ़ते जा रहे हैं. यह परिषद के असली काम को आगे बढ़ाने के बजाय पक्षपात और चुनिंदा रवैये की छवि को और मजबूत करते हैं.