अखिलेश के बाद सिद्धारमैया का कटा चालान, 9 महीने में 7वीं बार ट्रैफिक पुलिस का एक्शन

अखिलेश के बाद सिद्धारमैया का कटा चालान, 9 महीने में 7वीं बार ट्रैफिक पुलिस का एक्शन


मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने तोड़े यातायात कानून

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के वाहन ने इस साल 7 बार ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन किया है. इसको लेकर उनके खिलाफ मामले भी दर्ज किए गए हैं. इनमें ज्यादातर सीट बेल्ट न पहनने के कारण आए हैं. इसके लिए सिद्धारमैया 2500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है. बेंगलुरु के इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) कैमरों ने इन उल्लंघनों को रिकॉर्ड किया है. खास बात ये है कि सभी चालान पिछले 9 महीने के हैं.

मुख्यमंत्री पर कुल 2500 रुपये का जुर्माना लगाया गया था, जिसे मुख्यमंत्री ने अदा कर दिया है. यह घटना राज्य सरकार की तरफ से हाल ही में लंबित यातायात जुर्माने पर 50% छूट देने के बाद सामने आई है.

सीट लगाना भूल जाते हैं सीएम?

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की कार ने 7 बार नियमों का उल्लंघन किया है. हालांकि इन 7 बार में से ज्यादातर सीएम सिद्धारमैया सीट बेल्ट नहीं लगाए हुए थे. यही कारण है कि उनपर जुर्माना लगाया गया है. ऐसा कहा जा रहा है कि सीएम सीट बेल्ट लगाना भूल जाते हैं. इसके कारण ही उन्हें 2500 रुपये का जुर्माना भी भरना पड़ा है.

सीएम का जुर्माना अधिकारियों ने किया माफ

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की आधिकारिक गाड़ी, टोयोटा फॉर्च्यूनर, को शहर के इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) द्वारा जनवरी 2024 से सात बार यातायात नियमों के उल्लंघन के लिए चिह्नित किया गया है. छह मामले शहर के प्रमुख चौराहों पर आगे की सीट पर ट्रेवल करते समय सीट बेल्ट न पहनने के थे. जुलाई में केम्पेगौड़ा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास एलिवेटेड एक्सप्रेसवे पर तेज गति से गाड़ी चलाने का एक और मामला दर्ज किया गया था. कुल जुर्माना 2,500 रुपये था, जिसकी अधिकारियों ने पुष्टि की है कि उसे माफ कर दिया गया है.

अखिलेश यादव की गाड़ियों का 8 लाख का चालान

सपा प्रमुख अखिलेश यादव की सरकारी गाड़ियों की ओवरस्पीडिंग का 8 लाख रुपये का चालान आया है. इस मामले में सपा चीफ ने उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा है. सपा चीफ ने कहा कि हम तो राजनीतिक पार्टी के खाते से चालान भर देंगे लेकिन गरीब लोग इतना पैसा कहा से लाएंगे?