एसआईटी की रिपोर्ट में वनतारा में नहीं मिली गड़बड़ी
गुजरात के जामनगर इलाके में अंबानी परिवार ने वनतारा नाम से जंगली जानवरों की रिहाइशगाह बनाई हुई है. इसे लेकर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि उनके द्वारा गठित विशेष जांच दल (SIT) की रिपोर्ट में वनतारा में किसी भी तरह की गड़बड़ी नहीं पाई गई है. कोर्ट ने कहा कि एसआईटी की जांच में हाथियों को वन विभाग से खरीदने की प्रक्रिया और वनतारा में उन्हें नियमानुसार रखे जाने में कोई खामी नहीं है.
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि हमारी ओर से गठित SIT की जांच में पाया गया है कि अगर वनतारा वन विभाग से हाथियों को अपने संरक्षण में लेता है और पूरी प्रक्रिया का पालन होता है तो इसमें कोई गलत बात नहीं है बल्कि ये तो अच्छा है. एसआईटी की रिपोर्ट से यह साबित होता है कि वनतारा में नियमों का पालन किया जा रहा है. नियमों के तहत की जंगली जानवरों का ख्याल रखा जा रहा है. SIT ही यह रिपोर्ट शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत की गई थी. जिसके बाद सोमवार को इस रिपोर्ट का अवलोकन किया गया.
SIT की रिपोर्ट को नहीं किया जाएगा सार्वजनिक
इस पूरे मामले में वनतारा के वकील हरीश साल्वे ने कोर्ट से कहा था कि रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं किया जाना चाहिए. अगर ऐसा होता है तो न्यूयॉर्क टाईम्स जैसे विदेशी अखबार रिपोर्ट का कुछ हिस्सा छापकर नरेटिव गढ़ेंगे. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस पंकज मिथल और न्यायमूर्ति पी. बी. वराले की पीठ ने कि SIT की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया जाएगा. रिपोर्ट को गोपनीय रखा जाएगा. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम SIT की रिपोर्ट से संतुष्ट हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त को जांच का दिया था आदेश
बता दें किने 14 सुप्रीम कोर्ट अगस्त को सीआर जया सुकिन की याचिका पर सुनवाई करते हुए SIT गठित कर जांच करने का आदेश दिया था. सोमवार को SIT की रिपोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता की याचिका पूरी तरह से गलत है. एसआईटी की जांच में कुछ भी गलत नहीं मिला है.
हाथियों को कैद करने का लगाया था आरोप
याचिकाकर्ता ने इस मामले में वनतारा कथित तौर पर हाथियों को कैद किए जाने का आरोप लगाया था. सीआर जया सुकिन ने हाथियों को उनके मालिकों को वापस करने के लिए एक निगरानी समिति गठित करने का अनुरोध किया गया था.
वनतारा पर लगाए गए आरोप निराधार
वनतारा के पशु बचाव एवं पुनर्वास केंद्र का कहना है कि हम अत्यंत विनम्रता और कृतज्ञता के साथ सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल (SIT) के निष्कर्षों का स्वागत करते हैं. एसआईटी की रिपोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने स्पष्ट कर दिया है कि वंतारा के पशु कल्याण मिशन के खिलाफ उठाए गए संदेह और आरोप निराधार थे.
वनतारा ने किया आभार प्रकट
उन्होंने आगे कहा कि SIT के निष्कर्ष और सुप्रीम कोर्ट का आदेश हमें उन लोगों की सेवा करते रहने के लिए और भी शक्ति और प्रोत्साहन देते हैं जो स्वयं अपनी बात नहीं कह सकते। पूरा वनतारा परिवार इस पुष्टि के लिए हार्दिक आभार व्यक्त करता है.