भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने एक्सिओम-4 मिशन की समाप्ति पर एक भावुक संदेश में कहा कि अंतरिक्ष से भारत आज भी सारे जहां से अच्छा दिखता है. उन्होंने यह टिप्पणी मिशन के विदाई समारोह के दौरान की, जहां उन्होंने मिशन को अविश्वसनीय यात्रा बताया और इसके सफल संचालन का श्रेय अपने साथियों और पूरे मिशन दल को दिया. शुक्ला ने कहा, यह एक अविश्वसनीय यात्रा रही है. इसमें शामिल सभी लोगों की वजह से यह अद्भुत बन पाई है.
अपने विदाई संबोधन में उन्होंने हिंदी में देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा, अंतरिक्ष में मेरी यह यात्रा समाप्त हो रही है, लेकिन भारत के मानव अंतरिक्ष मिशन की यात्रा अभी लंबी और कठिन है. आपकी और मेरी यात्रा अभी बहुत लंबी है. मैं विश्वास दिलाता हूं कि यदि हम दृढ़ निश्चय कर लें, तो तारे भी हासिल किए जा सकते हैं.
आज का भारत निडर और आत्मविश्वासी दिखता है
उन्होंने 41 साल पहले अंतरिक्ष में गए पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा का उल्लेख करते हुए कहा कि तब दुनिया ने जाना था कि अंतरिक्ष से भारत कैसा दिखता है. उन्होंने कहा, आज का भारत महत्वाकांक्षी, निडर, आत्मविश्वासी और गौरव से भरा हुआ दिखता है और आज भी, यह सारे जहां से अच्छा दिखता है,
18 दिनों के गहन वैज्ञानिक प्रयोगों और अनुसंधानों के बाद एक्सिओम-4 (Axiom-4) मिशन अब अपने समापन की ओर बढ़ रहा है. शुक्ला और उनके तीन अंतरराष्ट्रीय साथियोंकमांडर पैगी व्हिटसन, मिशन विशेषज्ञ स्लावोज़ उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की और टिबोर कापूसोमवार को पृथ्वी के लिए वापसी की उड़ान भरने को तैयार हैं.
Update: #Axiom4 International Space Station #ISS Mission:
As of now, undocking has been scheduled for tomorrow, 14th July at 4:30 PM IST.
Arrival back to earth. splash down scheduled for 15th July at 3:00 PM IST.
These timings have a margin window of approximately 1 hour.
— Dr Jitendra Singh (@DrJitendraSingh) July 13, 2025
भारतीय समयानुसार, यह वापसी यात्रा 15 जुलाई को दोपहर 3:00 बजे शुरू होगी. विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने इसकी पुष्टि करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, पृथ्वी पर वापसी 15 जुलाई को दोपहर 3:00 बजे निर्धारित है.
विदाई भोज में देशी स्वाद और वैश्विक साझेदारी
रविवार शाम को आयोजित औपचारिक विदाई समारोह के दौरान अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर एक सांस्कृतिक भोज का आयोजन भी किया गया, जिसमें छह देशों के अंतरिक्ष यात्रियों ने हिस्सा लिया. अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री जॉनी किम ने इसे मिशन की सबसे अविस्मरणीय शामों में से एक बताया.
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुक्ला अपने साथ आम रस और गाजर का हलवा लेकर गए थे, जबकि पोलैंड के स्लावोज़ पिएरोगी (गोभी और मशरूम से बनी स्थानीय डिश) लाए थे. शुक्ला की यह यात्रा ऐतिहासिक मानी जा रही है, क्योंकि वह भारतीय वायुसेना से अंतरिक्ष में जाने वाले पहले व्यक्ति हैं और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर पहुंचने वाले पहले भारतीय नागरिक हैं. इससे पहले 1984 में राकेश शर्मा ने तत्कालीन सोवियत संघ के ‘सैल्यूट-7’ अंतरिक्ष मिशन के तहत अंतरिक्ष यात्रा की थी.