बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना के इस्तीफा देने और देश छोड़कर भाग जाने के एक दिन बाद, बांग्लादेशी लोग इस इंतजार में हैं कि आगे क्या होता है। वहीं, देश के सेना प्रमुख ने कहा है कि अंतरिम सरकार और नए चुनावों की घोषणा की जाएगी। हालांकि इस बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं दी गई है। वहीं, हसीना सरकार को उखाड़ फेंकने वाले छात्र नेताओं ने कहा है कि वे सैन्य नेतृत्व वाली सरकार को स्वीकार नहीं करेंगे। ऐसे में बांग्लादेश में नई सरकार के गठन को लेकर सेना छात्र नेताओं से मुलाकात कर उन्हें मनाने का प्रयास कर रही है।
नौकरी में आरक्षण के खिलाफ छात्रों के आंदोलन ने शेख हसीना की 15 साल पुरानी सत्ता को उखाड़ फेंका है। पीएम शेख हसीना को अपनी जान बचाने के लिए देश छोड़कर भागना पड़ा। अब वो यूरोपीय देशों की शरण में जाने का विचार कर रही हैं। फिलहाल उनके लंदन जाने की अटकलें हैं। हसीना सरकार के बांग्लादेश से विदाई के साथ देश में सत्ता के शीर्ष पर कौन बैठेगा? यह सवाल खड़ा हो गया है। हालांकि इसमें भी नया पेंच फंसने लगा है। बांग्लादेश आर्मी और छात्र नेताओं के बीच सरकार बनाने को लेकर सहमति नहीं बन पाई है। बीबीसी की रिपोर्ट है कि छात्र नेताओं और सेना के बीच सरकार बनाने को लेकर वार्ता चल रही है लेकिन, छात्र संगठन सेना को किसी भी कीमत पर सरकार की कुर्सी पर नहीं बैठते देखना चाहती।
स्थानीय मीडिया ने बताया कि सेना प्रमुख वाकर-उज-जमान को नई सरकार के गठन के लिए छात्र नेताओं की सहमति की जरूरत है। इसके लिए उनकी आपस में वार्ता चल रही है ताकि देश में नई अंतरिम सरकार पर मुहर लगाई जा सके। छात्र नेता देश को सेना के हवाले नहीं करना चाहते। उन्होंने कहा कि वे सैन्य नेतृत्व वाली सरकार को नहीं चाहते हैं। वार्ता में छात्रों ने मुख्य सलाहकार नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस की पैरवीं की है।
सेना पर छात्र नेताओं ने थोपी शर्तें
छात्र आंदोलन के प्रमुख आयोजकों में से एक नाहिद इस्लाम ने फेसबुक पर एक वीडियो में कहा, “हमने जिस सरकार की सिफारिश की है, उसके अलावा कोई भी सरकार स्वीकार नहीं की जाएगी।” “हम सेना समर्थित या सेना के नेतृत्व वाली किसी भी सरकार को स्वीकार नहीं करेंगे।” इस्लाम ने कहा, “हमने मोहम्मद यूनुस से भी चर्चा की है और वह हमारे निमंत्रण पर यह जिम्मेदारी लेने के लिए सहमत हो गए हैं।”
छात्र नेताओं को मनाएंगे सेना प्रमुख
बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज-जमान ने विरोध प्रदर्शन के आयोजकों से मिलने की योजना बनाई है, सेना ने एक बयान में कहा। एक दिन पहले ही ज़मान ने टेलीविज़न पर अपने संबोधन में हसीना के इस्तीफे की घोषणा की थी और कहा था कि एक अंतरिम सरकार का गठन किया जाएगा।
कौन हैं मोहम्मद यूनुस
84 वर्षीय यूनुस को बांग्लादेश के ग्रामीण गरीबों को 100 डॉलर से कम के छोटे ऋण देकर लाखों लोगों को गरीबी से बाहर निकालने के लिए किए गए कार्य के लिए 2006 का नोबेल शांति पुरस्कार मिला था, लेकिन जून में एक अदालत ने उन पर गबन के आरोप लगाए थे, और जेल में डाल दिया गया था। हालांकि हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद युनूस जेल से रिहा हो चुके हैं। यूनुस ने सरकार बनाने को लेकर किसी भी टिप्पणी के अनुरोध का तत्काल जवाब नहीं दिया।