संत सियाराम बाबा हुए स्वस्थ… मिलिए हनुमानजी के परम भक्त और लगातार रामचरित मानस पाठ करने वाले निमाड़ के संत से

संत सियाराम बाबा को निमाड़ में चमत्कारी बाबा के रूप में माना जाता है। क्षेत्र में उनके लाखों भक्त हैं। बीते दिनों उनका स्वास्थ्य खराब हुआ और खरगोन के निजी अस्पताल में भर्ती करना पड़ा तो भक्त चिंतित हो गए। सूचना मिलते ही बड़ी संख्या में भक्त अस्पताल पहुंचे।

नर्मदा तट के गांव भट्यान बुजुर्ग के प्रसिद्ध संत 117 वर्षीय सियाराम बाबा के अस्वस्थ होने से सनावद के निजी अस्पताल में उपचार जारी है। निमोनिया होने से शुक्रवार को उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया था।

उपचार में जुटे डॉक्टरों का कहना है कि बाबा का उपचार किया जा रहा है। वे पहले से अच्छी स्थिति में है। बाबा के अस्वस्थ होने की सूचना मिलते ही उनके भक्त हाल-चाल जानने व दर्शन के लिए अस्पताल पहुंच रहे हैं।

वहीं अनुयायियों का मानना है कि मंगलवार को बाबा को अस्पताल से छुट्टी मिल सकती है और वे जल्द भट्याण बुजुर्ग स्थित आश्रम में पहुंचेंगे। उपचार में जुटे डॉ. सुभाष मोरी ने बताया कि बाबा को निमोनिया हुआ है। उपचार किया जा रहा है। पहले से स्वास्थ्य में सुधार है।

जानिए संत सियाराम बाबा के बारे में

बता दें कि बाबा निरंतर मानस का पाठ करते हैं और भगवान हनुमानजी के परम भक्त माने जाते हैं। वे निरंतर रामचरित मानस का पाठ करते हैं। आश्रम में रहने के दौरान और किसी यात्रा पर जाते समय भी रामायण पढ़ते देखे जा सकते हैं। यह पहला अवसर है जब संतश्री रामायण का पाठ नहीं कर पाए हैं। अनुयायियों का कहना है कि जल्द बाबा स्वस्थ होकर आश्रम पहुंचकर भक्तों को दर्शन देंगे।naidunia_image

दश विधि स्नान से शुरू हुआ भगवान श्रीराम जानकी विवाह महोत्सव

इस बीच मंडलेश्वर से खबर है कि मध्यप्रदेश के अयोध्या के नाम से जाना जाने वाले इस नगर के सबसे प्राचीन पेशवा कालीन जूना श्रीराम मंदिर में भगवान श्रीराम जानकी विवाह महोत्सव की शुरुआत सोमवार से हुई। गुरुवार को पंकज मेहता एवं सुनील जोशी के आचार्यत्व में संगीता आशीष दुबे में भगवान श्रीराम एवं जानकी के विग्रहों का दश विधि स्नान स्थानीय नर्मदा घाट पर विधिविधान से सम्पन्न कराया।

दशविधि स्नान में सर्वप्रथम श्रीराम जानकी के विग्रहों को 10 अलग अलग वस्तुओं से स्नान करवाकर दशविधि स्नान सम्पन्न करवाया। इस अवसर पर वैदेही सखी मंडल की महिला सदस्य उपस्थित रही। दश विधि स्नान के उपरांत युगल सरकार की आरती करने का सौभाग्य पूर्ववत तय अनुसार केवट समाज को मिला।

केवट समाज से अध्यक्ष गोपाल केवट, राजा केवट, खुशियाल केवट, राधेश्याम केवट सहित समाजजनों ने युगल की आरती की। स्नान के उपरांत दोनों विग्रहों का श्रृंगार कर दीपक पाटीदार के निवास पर बाना जीमने के लिए ले जाया गया। जहां विग्रहों ने रात्रि विश्राम भी किया। मंगलवार से भगवान के विवाह महोत्सव के अन्य रीति–रिवाजों की शुरुआत होगी।

बुधवार को माता पूजन, गणेश पूजन एवं मेहदी की रस्म की संपन्न की जाएगी। गुरुवार को मंडप प्रतिष्ठा के साथ महिला संगीत का आयोजन होगा। शुक्रवार को सूर्यवंशी राजपूत समाज की अगुआई में भगवान श्रीराम की बारात राजपूत समाज धर्मशाला से निकाली जाएगी।

शुक्रवार को विवाह पंचमी के अवसर पर दोपहर दीवा घड़ी में भगवान श्रीराम जानकी का विवाह महोत्सव सम्पन्न होगा।

क्या है दशविधि स्नान

पंकज मेहता ने जानकारी देते हुए बताया कि दश विधि स्नान किसी भी वैवाहिक आयोजन की शुरुआती कड़ी है। इस विधि में भगवान के विग्रहों को जल, पंचामृत, पांचगव्य, हल्दी, दूर्वा, सरसों, गौमूत्र, शहद, चन्दन, फल का रस एवं इत्र से अलग अलग मंत्रोच्चार के साथ स्नान करवाया जाता है। उक्त सभी द्रव्यों के स्नान को औषधी स्नान भी कहा जाता है।

Related Articles

Latest Articles