मध्य प्रदेश में नर्मदा किनारे के गांवों में भूगर्भीय हलचल, धमाके के साथ हो रहा कंपन

मध्य प्रदेश के आलीराजपुर जिले में एक पखवाड़े से हो रही हलचल से लोगों में भय का माहौल है। प्रशासन ने इस मामले में विशेषज्ञों से सलाह ली, जिसमें उन्होंने बताया कि प्लेटें टकराने से यह स्थिति बन रही है।

मध्य प्रदेश के आलीराजपुर जिले में नर्मदा तट के गांवों में पिछले करीब 15 दिन से भूगर्भीय हलचल हो रही है। कंपन के साथ धमाके की आवाज सुनाई दे रही है। प्रशासन ने विशेषज्ञों से सलाह ली है। विशेषज्ञों का कहना है कि नर्मदा नदी से सटे क्षेत्र में मानसून के बाद प्लेटें टकराने से भूगर्भीय हलचल होती है।

प्रशासन के अनुसार, अकलघरा, किलोड़ा, कोसारिया, अट्ठा, सिरखड़ी, मनखडा आदि गांव में भूगर्भीय हलचल की सूचना मिली है। इन गांव के लोगों ने बताया कि 30 अक्टूबर को शाम 7.18 बजे तो तेज धमाके की आवाज आई थी। इससे पहले भी हल्के कंपन के साथ इस तरह की आवाजें आईं। लगातार इस तरह की भूगर्भीय घटनाओं से लोगों में डर व्याप्त है।

धमाके की आवाज से साथ बर्तन गिर गए

सोंडवा के उपजिलाधिकारी सीजी गोस्वामी ने बताया कि कुछ गांवों में भूगर्भीय हलचल होने की सूचना मिली है। जांच के लिए मौके पर टीम भेजी गई तो जांच के दौरान भी धमाके की आवाज के साथ एक घर में बर्तन भी गिरे।

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इस बारे में विशेषज्ञों से राय-शुमारी की तो उनका कहना है कि यह भूकंप नहीं है, मात्र भूगर्भीय हलचल है। नर्मदा से सटे क्षेत्रों में मानसून के बाद भूगर्भीय प्लेटें टकराने से ऐसी घटनाएं होती हैं। इस बारे में विशेषज्ञों से सलाह ली जा रही है। ग्रामीणों को सतर्क रहने को भी कह दिया गया है।

तीन वर्ष पहले भी हो चुकीं इस तरह की घटनाएं

नर्मदा किनारे के इन गांवों में तीन वर्ष पहले 2021 में भी भूगर्भीय हलचल देखी गई थी। इससे कई मकानों की दीवारों में दरारें भी आ गई थीं, तब जियोलाजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के विशेषज्ञों ने जांच करने के बाद जिला प्रशासन को दी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि मानसून के बाद भूजल स्तर बढ़ने पर बने दबाव के कारण भूगर्भीय धमाके होते हैं।

इससे कुछ सेकंड तक कंपन भी होता है। भू-वैज्ञानिक अभिषेक तिवारी व दल द्वारा दी गई रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि गर्मियों के समय भूजल स्तर नीचे चला जाता है। इस अवधि में रिक्त जगह पर हवा जमा हो जाती है।

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बारिश के चलते बढ़ता है भूजल स्तर

मानसून आने पर बारिश के चलते भूजल स्तर बढ़ने लगता है। ऐसे में यहां जमा हवा में दबाव उत्पन्न हो जाता है। इससे चट्टानी इलाकों में धमाके के साथ हल्का कंपन महसूस होता है। यह कुछ सेकंड के लिए ही रहता है। वहीं, वर्ष 2019-20 में भी बड़वानी जिले के नर्मदा तटीय क्षेत्र में ऐसे कुछ मामले सामने आए थे।

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