मध्य प्रदेश के 32 निजी विश्वविद्यालयों में में कुलपति को हटाया गया है। इसमें भोपाल के आठ विश्वविद्यालय भी शामिल हैं। निजी विवि से हटाए गए कुलपति के पास बतौर प्रोफेसर दस वर्ष का अनुभव नहीं था। इसके लिए स्पष्ट प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज भी नहीं मिले, जिससे अनुभव सिद्ध हो सके।
मप्र निजी विवि विनियामक आयोग के अनुसार, कुलपति के चयन के लिए अब सर्च कमेटी बनाई जाएगी। इस कमेटी में तीन सदस्य शामिल होंगे। सदस्य द्वारा यूजीसी की गाइड लाइन के आधार पर विवि में कुलपति की नियुक्ति की जाएगी। वहीं, अभी प्रभारी कुलपति को नियुक्ति किया जाएगा।
इन नियमों से नियुक्ति की अमान्य
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नई दिल्ली के विनियमों एवं मप्र निजी विश्वविद्यालय (स्थापना एवं संचालन) अधिनियम 2007, संशोधित 2013 एवं 2016 के धारा-17 के प्रविधानों के अनुसार तथा विश्वविद्यालय समन्वय समिति की 99वीं बैठक में पारित परिनियम-1 के अनुसार कुलगुरु की योग्यता और मापदंड के आधार पर निजी विवि में कुलगुरु की नियुक्ति के स्पष्ट प्रविधान हैं।
परीक्षण समिति द्वारा प्रस्तुत प्रतिवेदन के आधार पर यह पाया गया कि अधिनियम की धारा 17 के अंतर्गत कुलगुरु की नियुक्ति के वर्णित प्रविधानों का पालन नहीं किया गया है। विवि में कुलगुरु की नियुक्ति अधिनियम की धारा 17 (1) के विपरीत की गई है, जो मापदंडों के अनुरूप नहीं है।
विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित प्रक्रिया का पालन भी सुनिश्चित नहीं किया गया है। मप्र निजी विश्वविद्यालय अधिनियम 2007, यथा संशोधित की धारा 17 (1) के प्रविधानों के विपरीत की गई कुलगुरु की नियुक्ति आयोग अधिनियम की धारा-36 (10) (घ) के प्रविधान अंतर्गत अमान्य की जाती है।
कुलगुरु को तत्काल हटाते हुए विश्वविद्यालय परिनियम के युक्त प्रविधानों के अंतर्गत कार्यवाहक कुलगुरु की तत्काल नियुक्ति योग्यता एवं मापदंड अनुसार करना सुनिश्चित करें। कुलगुरु की नियुक्ति के लिए 15 दिन में कार्रवाई के लिए कहा गया है।
भोपाल में इन विवि के कुलपति हटाए
सर्वपल्ली राधाकृष्णन विवि – डॉ. एमसी प्रशांत
स्कोप ग्लोबल स्किल्स विवि – डॉ. अजय भूषण
शुभम विवि – डॉ. कर्निका यादव
अजीम प्रेमजी विवि – गौतम पांडे
एलएनसीटी विवि – डॉ. नरेंद्र कुमार थापक