भाजपा का यूटर्न, माहिम विधानसभा सीट पर नहीं करेगी राज ठाकरे के बेटे का समर्थन

महाराष्ट्र में जैसे-जैसे मतदान की तारीख करीब आ रही है, वैसे-वैसे सियासी माहौल गर्म होता जा रहा है। एक तरफ सत्ताधारी महायूति है, जिसमें भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है। साथ में शिवसेना और एनसीपी है। वहीं मुकाबले में महाविकास अघाड़ी है, जिसमें कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है। साथ में शिवसेना यूबीटी और एनसीपी शरद पवार गुट है।

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मुंबई की माहिम सीट पर घमासान जारी है। यहां से राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) ने अमित ठाकरे को उतारा है, जो राज के बेटे हैं।

ताजा खबर यह है कि भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि माहिम सीट पर वह अमित ठाकरे का समर्थन नहीं करेगी। यहां से शिंदे शिवसेना ने मौजूदा विधायक सदा सरवणकर को मैदान में उतारा है, जबकि महेश सावंत मुंबई की सीट से पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार हैं।

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आशीष शेलार ने स्पष्ट की स्थिति

  • भाजपा के मुंबई अध्यक्ष आशीष शेलार ने बुधवार को इस बार में स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने कहा, मैं आपको स्पष्ट रूप से से बता रहा हूं कि एमएनएस को हमारा समर्थन केवल शिवडी विधानसभा सीट तक ही सीमित है।
  • बता दें, राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) महायुति का हिस्सा नहीं है, जिसमें भाजपा, शिवसेना और डिप्टी सीएम अजीत पवार की एनसीपी शामिल है।
  • राज ने दो सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं, जिनमें माहिम भी शामिल है। हालांकि, इस साल की शुरुआत में हुए लोकसभा चुनावों में राज ने सत्तारूढ़ गठबंधन का समर्थन किया था।

चुनाव लड़ने वाले ठाकरे परिवार के तीसरे सदस्य

अमित, ठाकरे परिवार से चुनाव लड़ने वाले तीसरे व्यक्ति है। उनके पिता और मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कभी कोई चुनाव नहीं लड़ा। इससे पहले अमित के दूसरे चचेरे भाई आदित्य ठाकरे (शिवसेना यूबीटी प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे) ने 2019 के विधानसभा चुनावों में पड़ोसी वर्ली सीट से जीतकर अपनी शुरुआत की थी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बनने के बाद 2020 में उद्धव ठाकरे खुद विधान परिषद के लिए चुने गए थे।

बागियों के खिलाफ भाजपा सख्त

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इस बीच, भाजपा ने महाराष्ट्र में बागियों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। पार्टी ने नाम वापस लेने की तारीख बीत जाने के बाद भी चुनाव मैदान में जमे अपने 40 नेताओं को पार्टी से निकाल दिया है। ये चालीस नेता 37 विधानसभा सीटों पर पार्टी के लिए चुनौती बन रहे थे।

भाजपा ने जिन 40 नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की है, उनमें जालना से अशोक पंगारकर, सावंतवाडी से विशाल प्रभाकर परब, जलगांव शहर से मयूर कापसे, अमरावती से जगदीश गुप्ता और धुले ग्रामीण से श्रीकांत कार्ले शामिल हैं।

महाराष्ट्र भाजपा अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले द्वारा 4 नवंबर तक अपने नामांकन वापस लेने के लिए बागियों को मनाने के प्रयासों पर जोर देने के कुछ दिनों बाद कार्ले ने हाल ही में धुले ग्रामीण में एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन जमा किया था।

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