कोलकाता के सरकारी अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या का मामला सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के पास पहुंच गया है। सीजेआई को तीन पत्र याचिका भेजी गई हैं जिनमें आर्मी कॉलेज के एक डॉक्टर की भी याचिका शामिल है। इन याचिकाओं में कहा गया है कि सीजेआई इस भयानक घटना का स्वतः संज्ञान लें और तेज कार्रवाई के निर्देश दें।
दो याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट के ही वकील रोहित पांडेय और उज्ज्वल गौड़ हैं। वहीं तीसरे याचिकाकर्ता का नाम डॉ. मोनिका सिंह हैं जो कि आर्मी कॉलेज ऑफ डेंटल कॉलेज सिकंदराबाद में बीडीएस हैं। रोहत पांडेय सुप्रीम कोर्ट बार असोसिएशन के पूर्व सचिव हैं। उज्जवल गौड़ सुप्रीम कोर्ट बार असोसिएशन के सदस्य हैं।
सुप्रीम कोर्ट के वकील रोहित पांडेय और उज्ज्वल गौड़ ने कहा कि यह केस बहुत ही भयानक और दुर्लभ है। यह हमारे देश की आत्मा पर अत्याचार है। एक डॉक्टर पर ही नहीं बल्कि मानवता पर हमला किया गया है। उन्होंने कहा कि सीजेआई चंद्रचूड़ को इस मामले में उचित निर्देश देने की जरूरत है। याचिका में कहा गया है कि इस बर्बर घटना ने पूरे देश की आत्मा को हिला दिया है। पीड़िता के रोते बिलखते परिवार को देखकर हर किसी की दिल पसीज जाता है। हालांकि घटना के बारे में बोलने के लिए ज्यादा शब्द नहीं हैं। एक राष्ट्र के रूप में हमें खड़े होना चाहिए और इस मामले में तीव्र जांच और न्याय सुनिश्चित होना चाहिए।
याचिका में कहा गया है कि न्यायपालिका को इस मामले में उचित कदम उठाकर देख को संदेश देने की जरूरत है। इस तरह की बर्बर घटनाएं बर्दाश्त नहीं की जा सकती। एक महिला के आत्मसम्मान और कानून की रखवाली के लिए भी ऐक्शन जरूरी है। डॉ. मोनिका सिंह ने अपनी याचिका में कहा कि सीजेआई चंद्रचूड़ को मामले का स्वतः संज्ञान लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में सुरक्षा को लेकर भी न्यायालय को उचित निर्देश देने चाहिए। अस्पतालों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय बलों की जरूरत है।
बता दें कि कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में महिला ट्रेनी डॉक्टर के साथ बर्बर रेप किया गया और फिर हत्या कर दी गई। इस घटना के बाद पूरे देश में उबाल है। आज इंडियन मेडिकल असोसिएशन ने पूरे देश में हड़ताल का आह्वान किया है। ऐसे में अस्पतालों में डॉक्टर उपलब्ध नहीं हैं और केवल इमर्जेंसी सेवाएं ही चल पा रही हैं।