तिरुपति के भक्तों का घोर अपमान, ऐक्शन ले सुप्रीम कोर्ट: लड्डुओं में जानवर की चर्बी पर हिंदू संगठन की अपील


भगवान तिरुपति मंदिर में लड्डुओं में जानवरों की चर्बी इस्तेमाल किए जाने का प्रकरण शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। कुछ दिन पहले टीडीपी प्रमुख और आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने आरोप लगाया था कि जगन मोहन रेड्डी सरकार के वक्त तिरुपति के लड्डुओं में जानवरों की चर्बी इस्तेमाल होती थी। आरोपों पर पलटवार करते हुए जगन मोहन रेड्डी की पार्टी वाईएसआर कांग्रेस ने अदालत का दरवाजा खटखटाया है। अब मामले में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने सुप्रीम कोर्ट से मामले का स्वत:संज्ञान लेने और दोषियों का पता लगाने के लिए जांच शुरू करने की अपील की।

विहिप के केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल की तिरुपति में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। विहिप ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय को इस मामले का स्वतः संज्ञान लेना चाहिए तथा एक निश्चित समयावधि में इसकी जांच कर इस अक्षम्य अपराध के दोषियों की पहचान करनी चाहिए तथा उन्हें कड़ी सजा देनी चाहिए।’’ उसने कहा कि इस मामले में लापरवाही और देरी की कोई गुंजाइश नहीं है, क्योंकि ऐसा होने पर हिंदू समुदाय के सदस्य राष्ट्रव्यापी आंदोलन कर सकते हैं, जो इस मामले को लेकर पहले से ही अधीर हैं।

विहिप के अनुसार, तिरुपति के लड्डुओं को लेकर पिछले चार-पांच दिन में दक्षिणी राज्य में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और विपक्षी वाईएसआरसीपी द्वारा एक दूसरे पर लगाए गए आरोपों-प्रत्यारोपों से हिंदू समुदाय स्तब्ध है। उसने कहा कि इन घटनाक्रम से दुनिया भर में श्री बालाजी (श्री वेंकटेश्वर स्वामी) के करोड़ों भक्तों की भावनाएं आहत हुई हैं। विहिप ने कहा कि लड्डू प्रसादम (पवित्र मिठाई) को ईश्वर का आशीर्वाद माना जाता है और पूरी आस्था से इसका सेवन किया जाता है।

उसने कहा कि लड्डुओं में मिलावट के आरोपों ने भगवान वेंकटेश्वर स्वामी के भक्तों का ‘घोर’ अपमान किया है।

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