‘कृष’ के इस स्टंट में मरते-मरते बचे थे ऋतिक रोशन, इस वजह से जान बूझकर नहीं लिया था बॉडी डबल


साल 2006 में रिलीज हुई ऋतिक रोशन की फिल्म ‘कृष’ एक ब्लॉकबस्टर हिट थी। तकरीबन 40 करोड़ रुपये की लागत में बनी इस फिल्म ने 126 करोड़ रुपये से ज्यादा का कलेक्शन किया था। इस फिल्म ने भारत को एक नया सुपरहीरो दिया। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस फिल्म की शूटिंग के दौरान ऋतिक रोशन मरते-मरते बचे थे। ऋतिक रोशन ने खुद एक इंटरव्यू में यह किस्सा बताया था कि कैसे फिल्म के लिए एक स्टंट करने के दौरान उनकी जान जाते-जाते बची थी। हुआ यह था कि ऋतिक रोशन ने खुद ही इस फिल्म के सभी स्टंट करने का फैसला किया था और इसकी वजह भी उन्होंने इंटरव्यू में बताई थी।

जब कृष की शूटिंग में मरते-मरते बचे थे ऋतिक रोशन

ऋतिक रोशन ने बताया कि जिस वक्त ‘कृष’ छलांग मारता है तो हवा में रहने के दौरान जो उसके एक्सप्रेशन्स हैं वो काफी रीयल होना जरूरी थे। ऋतिक नहीं चाहते थे कि VFX या CGI की मदद से इन्हें तैयार किया जाए। ऋतिक रोशन फिल्म के हर स्टंट और एक्शन के दौरान अपने किरदार के एक्सप्रेशन्स को रियल रखना चाहते थे, और यही वजह थी कि उन्होंने हर स्टंट को खुद ही करने का फैसला किया। क्योंकि यह एक सुपरहीरो मूवी थी और इसमें बेहिसाब स्टंट थे, तो एक स्टंट वो भी था जब ऋतिक को 50 फीट ऊंचे एक क्लॉक टॉवर से छलांग लगानी थी।

छलांग मारते ही समझ गए थे कि टूट गई सेफ्टी केबल

यह फिल्म के क्लाइमैक्स से थोड़ा पहले का सीन है जब ऋतिक रोशन कृष के किरदार में एक हेलिकॉप्टर का पीछा कर रहे हैं। सारा सेटअप तैयार था और ऋतिक रोशन को इस टॉवर से छलांग लगानी थी। ऋतिक रोशन ने एक इंटरव्यू में बताया कि जब वो टॉवर से कूदे और हवा में तैरने वाले एक्सप्रेशन्स देते हुए आगे बढ़ रहे थे, तभी उन्हें अहसास हुआ कि उनकी सेफ्टी केबल टूट गई है। ऋतिक रोशन के बचने का चांस बहुत कम था लेकिन इत्तेफाक से वहीं बीच में उन्हें एक कैनोपी दिखाई पड़ गई जिसका साइज बहुत ज्यादा नहीं था।

लोहे की रॉड पर गिरते तो भी मुश्किल ही बचती जान

ऋतिक रोशन अपने सीन को ध्यान में रखते हुए इसी कैनोपी पर लैंड कर गए। ऋतिक रोशन के पिता ने भी इस घटना के बारे में बताया था। फिल्म की शूटिंग सिंगापुर में चल रही थी और यहीं पर वो सीन फिल्माया गया था जिसमें ऋतिक की जान जाते-जाते बची। दुकान के बाहर निकली एक 6 फुट की छतरी पर ऋतिक की लैंडिंग इतनी सही थी कि वो उसमें लगी लोहे की रॉड्स से भी बच गए। इस बारे में उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि इस घटना के लिए जो सबसे सही शब्द हो सकता है वो ‘जादू’ ही है।

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