औद्योगिक उत्पादन की सुस्त रफ्तार, 22 महीने में पहली बार आई गिरावट

माइनिंग और पावर सेक्टर के खराब प्रदर्शन की वजह से अगस्त में देश के औद्योगिक उत्पादन में 0.1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) के संदर्भ में मापा जाने वाला औद्योगिक उत्पादन इस साल अगस्त में 0.1 प्रतिशत घट गया, जबकि अगस्त 2023 में यह 10.9 प्रतिशत बढ़ा था।

जुलाई में औद्योगिक उत्पादन 4.7 प्रतिशत

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक अगस्त 2024 के लिए IIP ग्रोथ रेट निगेटिव 0.1 प्रतिशत रही। जुलाई 2024 में औद्योगिक उत्पादन 4.7 प्रतिशत बढ़ा था। अगस्त के दौरान माइनिंग, मैन्युफैक्चरिंग और पावर सेक्टर का प्रदर्शन खराब रहने से कुल औद्योगिक उत्पादन में गिरावट आई है। इस दौरान माइनिंग सेक्टर में 4.3 प्रतिशत और पावर सेक्टर में 3.7 प्रतिशत की गिरावट रही जबकि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की वृद्धि दर सिर्फ एक प्रतिशत रही।

बारिश ने बिगाड़ा खेल

एनएसओ ने कहा कि अगस्त के महीने में संभवतः भारी बारिश की वजह से माइनिंग सेक्टर का उत्पादन प्रभावित हुआ। चालू वित्त वर्ष के पहले पांच माह (अप्रैल-अगस्त) में औद्योगिक उत्पादन 4.2 प्रतिशत बढ़ा है। इससे पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत थी।

रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में नहीं किया बदलाव

बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष की चौथी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में लगातार दसवीं बार नीतिगत दर रेपो को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए खुदरा मुद्रास्फीति अपने अनुमान को 4.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने चालू वित्त वर्ष की चौथी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा के बाद इस बात पर जोर दिया कि केंद्रीय बैंक को कीमतों की स्थिति पर कड़ी नजर रखनी होगी और मुद्रास्फीति पर सख्ती से लगाम लगानी होगी, नहीं तो इसमें फिर से तेजी आ सकती है।

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