हिजबुल्लाह पर इजरायल के हमले और ईरान व फिलिस्तीन की टेंशन का असर भारत पर भी दिख रहा है। कर्नाटक के दक्षिण कन्नड़ जिले में एक बस मालिक को अपनी ट्रैवल एजेंसी का नाम बदलना पड़ गया।
बस मालिक लेस्टर कतील ने बताया कि उसने 12 साल तक इजरायल में काम किया है। इसीलिए उसने अपनी ट्रैवेल एजेंसी का नाम इजरायल के नाम पर रखा। उन्होंने बताया कि घर वापस लौटने से पहले मैंने इजरायल में अलग-अलग जगहों पर काम किया। जब मैंने अपनी ट्रैवेल एजेंसी शुरू की तो यह नाम रखने के बारे में सोचा था। तब मुझे बिल्कुल भी आइडिया नहीं था कि लोगों को इस पर ऑब्जेक्शन हो सकता है। मैंने तो एजेंसी का नाम सिर्फ इसलिए इजरायल रखा था क्योंकि उस देश ने मुझे रोजगार दिया था। आपत्ति जताने वाले लोगों का तर्क था कि अगर कोई फिलिस्तीन के समर्थन में तस्वीर लगाता है तो पुलिस केस करती है। ऐसे में इजरायल का समर्थन करने के लिए लेस्टर के खिलाफ केस क्यों नहीं होना चाहिए?
गौरतलब है कि कर्नाटक का दक्षिण कन्नड़ जिला सांप्रदायिक तनाव वाला है। जब लोगों ने सोशल मीडिया पर बस पर लिखे नाम पर सवाल उठाया तो इसे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के संज्ञान में लाया गया। इसके बाद बस मालिक ने इसमें बदलाव करते हुए जेरुसलम नाम रखने का फैसला किया। उन्होंने कहाकि मुझे समझ नहीं आ रहा कि लोगों को ‘इजरायल ट्रैवल्स’ से दिक्कत क्या है? लेस्टर ने कहाकि पुलिस को कोई आपत्ति नहीं थी, लेकिन मैंने नाम इसलिए बदल लिया ताकि आगे चलकर कोई मुश्किल न हो।