अब बुजुर्ग पेड़ भी पायेंगे 3000 रुपए Old Age Pension

हरियाणा सरकार एक नई योजना शुरू की है जिसके तहत अगर घर में पुराना पेड़ लगा है तो सरकार घर मालिक को 3000 रुपए सालाना की पेंशन देगी। बता दें कि दादी-नानी अक्सर हम लोगों से कहते थे कि क्या पेड़ों पर पैसे लगते हैं। लेकिन इस कहावत को हरियाणा की सरकार सच करने जा रही है। सांस लेने के लिए ऑक्सीजन, धूप से बचने के लिए ठंडी छांव, खाने के लिए फल, अब जरा सोचिए अगर पेड़ हमें पैसे भी देने लगे! जी हां, हम मजाक नहीं कर रहे हैं। हरियाणा सरकार ने खास योजना शुरू की है। इस योजना के तहत राज्य के ‘बुजुर्ग’ पेड़ों को भी ‘बुढ़ापा पेंशन’ दी जाएगी।

30 जून, 2025 तक करें आवेदन

अगर आपकी जमीन पर कोई ऐसा पेड़ है, जो 75 साल का है या उसससे पुराना है तो हरियाणा सरकार उसे ‘वृद्धावस्था पेंशन’ के रूप में साल में 3000 रुपये देनी की योजना बनाई है। बता दें कि पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए इस योजना की शुरुआत की गई है। योजना का लाभ लेने के लिये आवेदन 30 जून, 2025 तक किए जा सकते हैं।

वर्तमान में 3800 से ज्यादा पेड़ों को मिल रही पेंशन

बता दें कि साल 2023 में शुरू हुई इस योजना के अंतर्गत पहले ही 3,819 पेड़ों की पहचान कर उन्हें पेंशन दी जा रही है। अब साल 2025-26 के बजट में इस योजना को और जयादा विस्तार देने की घोषणा की गई है, जिससे अधिक से अधिक पेड़ लगाये जा सकें। राज्यभर में ऐसे लोग जिनकी जमीन पर 75 साल से अधिक उम्र के पेड़ मौजूद हैं।

वन रेंज ऑफिसर व वन मंडल अधिकारी के पास जमा करें आवेदन फॉर्म

योजना का लाभ लेने के लिये वन रेंज ऑफिसर व वन मंडल अधिकारी के कार्यालयों में फार्म को जमा करें। आवेदन 30 जून 2025 को शाम 5 बजे तक जमा किए जा सकते हैं। प्राप्त हुये इन सभी आवेदनों पर फैसला जिला स्तरीय कमेटी लेगी। राज् सरकार ने इस योजना में पेंशन राशि को संशोधित करते हुए 3,000 रुपये प्रति वर्ष कर दिया है।

यह राशि उस जमीन के मालिक या संस्था को दी जाएगी, जिसकी जमीन पर यह पेड़ लगा है। सबसे बड़ी बात ये है कि इस राशि का उपयोग पेड़ की देखभाल, सुरक्षा, पानी, खाद और अन्य जरूरी सेवाओं में ही किया जाएगा। और सबसे बड़ी बात ये है बुजुर्ग पेंशन की तरह समय-समय पर बढ़ाई जाएगी।

पीपल, बरगद, आम, जाल, जामुन को प्राथमिकता

राज्य सरकार ने इस योजना के पायलट रूप में जिले में 75 पेड़ों को चुना गया था, जिनके मालिकों को 2750 रुपये प्रति वर्ष की पेंशन दी जा रही है। कमेटी पीपल, बरगद, आम, जाल, जामुन, नींबू, बूलर, पिलखन आदि जैसे परंपरागत और छायादार पेड़ों को संज्ञान लेते हुये इन्हें प्राथमिकता दे रही है।

वन विभाग को सूचना देकर पेड़ का सर्वे करवायें

बता दें कि 75 साल या उससे पुराने पेड़ मौजूद हैं, तो वह वन विभाग को सूचना देकर उसका निरीक्षण करवाकर पेंशन के लिए पात्र बन सकता है। आवेदन के लिए जमीन के मालिकाना हक के कागजात, पेड़ की लगभग आयु का प्रमाण या शपथ पत्र, पहचान पत्र (आधार/वोटर आईडी) और पेड़ की फोटो की जरूरत होगी।

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